पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज भले ही हमारे बीच न रहीं, लेकिन सबकी मदद करने की उनकी इच्छाशक्ति से हमारे दिलों में उनकी जगह बनी हुई है। मदद चाहे देश के अंदर हो या विदेश में, वह हमेशा लोगों की समस्यओं पर दूर करती थीं। साल 2018 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू-मुस्लिम दंपती के पासपोर्ट को लेकर विवाद पैदा हुआ था जिसका संज्ञान लेते हुए पूर्व मंत्री ने उस दंपती की मदद की और उन्हें पासपोर्ट दिलाया। इसके बाद विवाद थम गया, लेकिन सोशल मीडिया में इसे लेकर खूब हंगामे हुआ। मामले के बाद से ही ट्विटर पर कई लोग विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को निशाना बनाने रहे।
उन लोगों ने सुषमा स्वराज को लेकर कई तरह के ट्वीट किए। कुछ में भद्दी भाषा का प्रयोग किया गया लेकिन इस बीच सुषमा ने बड़ी ही दिलेरी से इन ट्रोलर्स का सामना किया और खुद ही इनका स्वागत कर दिया।
सुषमा ने ट्विटर पर लिखा था कि ‘मैं 17 से 23 जून 2018 के बीच भारत से बाहर थी। मैं नहीं जानती कि मेरी अनुपस्थिति में क्या हुआ। हालांकि, मुझे कुछ ट्वीट से सम्मानित किया गया। मैं इसे आपके साथ साझा कर रही हूं। इसलिये मैंने उन्हें पसंद किया है।’