अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोपों की जांच एसआइटी करेगी। इस मामले का स्वत: संज्ञान लेने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शासन ने एसआइटी का गठन किया है। आइजी लोक शिकायत नवीन अरोड़ा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम इस मामले की जांच करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने शाहजहांपुर में लॉ कालेज की छात्रा के आरोप प्रकरण की जांच के लिए आइजी के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर दिया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने पीडि़त विधि छात्रा के साथ ही उसके भाई का दूसरे कॉलेज में दाखिल कराने तथा छात्रा व परिवार को समुचित सुरक्षा सुनिश्चित कराये जाने को निर्देश दिया है।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद पर विधि छात्रा को अगवा कराने समेत अन्य संगीन आरोप हैं। बीते दिनों छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर छात्रा ने शारीरिक शोषण व दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद छात्रा लापता हो गई थी। परिवारीजन ने शाहजहांपुर में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बेटी को अगवा कराने की एफआइआर दर्ज कराई थी। इसके बाद में पुलिस ने छात्रा को राजस्थान से बरामद किया था। इससे पूर्व 22 अगस्त को स्वामी चिन्मयानंद के वाट्सएप नंबर पर एक मैसेज आया था, जिसमें उनसे पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। इस मामले में शाहजहांपुर में ही अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
मुख्य सचिव ने बताया कि शाहजहांपुर प्रकरण की जांच के लिए आइजी लोक शिकायत नवीन अरोड़ा के अध्यक्षता में एसआइटी गठित की गई है, जिसमें 41वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद की सेनानायक भारती सिंह सदस्य हैं। जरूरत के अनुरूप आइजी एसआइटी में स्वच्छ छवि के विशेषज्ञ पुलिसकर्मियों को शामिल करेंगे। मुख्य सचिव ने मंडलायुक्त बरेली तथा महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली के कुलपति को पीडि़त विधि छात्रा व उसके भाई का दाखिला विश्वविद्यालय अथवा उससे संबद्ध किसी महाविद्यालय में कराने के निर्देश दिये हैं। एसपी शाहजहांपुर को पीडि़त छात्रा, उसके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों की तत्काल समुचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश भी दिया है।