प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शाहिद बद्र को गुजरात पुलिस ने गुरुवार की रात गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के खिलाफ 18 वर्ष पूर्व गुजरात के कच्छ जिले में भड़काऊ भाषण देने के मामले में दर्ज मुकदमे में कोर्ट से छह वर्ष पूर्व गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। इस वारंट के आधार पर गुजरात से आई पुलिस ने कार्रवाई की।
डॉ. शाहिद बद्र की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही काफी संख्या में उनके समर्थक और अधिवक्ता शहर कोतवाली में एकत्रित हो गए। शहर कोतवाली क्षेत्र के मनचोभा गांव निवासी डॉ. शाहिद बद्र पुत्र बदरे आलम शहर की बदरका कर्बला मैदान के पास डिस्पेंसरी है। उनका कहना है कि वह प्रत्येक दिन की तरह गुुरुवार की देर शाम को अपना डिस्पेंसरी बंद कर घर गए थे। रात लगभग आठ बजे उनके घर पर गुजरात प्रांत की पुलिस आई। उन्होंने वारंट का हवाला देते हुए उन्हें घर से गिरफ्तार कर शहर कोतवाली लेकर चली आई।
इधर, शाहिद बद्र को गिरफ्तार करने वाले गुजरात प्रांत के कच्छ जिले के भुज ए डिविजन के इंस्पेक्टर वाईपी साडेजा का कहना है कि वर्ष 2001 में डॉ. शाहिद बद्र के खिलाफ कच्छ जिले में मुकदमा अपराध संख्या 58/2001 की धारा 353 व 143 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज है। इसी मुकदमे में गुजरात कोर्ट से उनके खिलाफ अक्टूबर 2012 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। बद्र का सही पता न होने के चलते आज तक उन्हें नहीं गिरफ्तार किया गया। जब उनका पूरा पता चला तो उनके साथ गुजरात की चार सदस्यीय पुलिस टीम आजमगढ़ आई। रात को उनके घर पर पहुंच कर गिरफ्तारी की गई है।
गुजरात पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर गुजरात जाना चाह रही थी कि तभी डॉ. शाहिद बद्र के अधिवक्ता अब्दुल खालिद ने ट्रांजिड रिमांड का हवाला देते हुए गुजरात ले जाने पर एतराज जताया। गुजरात से आए इंस्पेक्टर का कहना है कि शुक्रवार को कोर्ट से ट्रांजिड रिमांड बनवाने के बाद बद्र को गुजरात ले जाया जाएगा।