प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इसरो मुख्यालय में शुक्रवार देर रात चंद्रयान के लैंडर विक्रम की चंद्रमा पर लैंडिंग देखने पहुंची राजधानी की बेटी राशि वर्मा का सपना पूरा नहीं हुआ। विक्रम का संपर्क टूटने के बाद वहां मौजूद पीएम के साथ राशि का इंतजार भी लंबा हो गया, क्योंकि इसरो को अभी डाटा का विश्लेषण करना है। उन्होंने कहा कि पीएम से मिलना उनके लिए गर्व की बात है। प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण ही वह पीएम से मिल सकीं। पीएम मोदी उनके आदर्श हैं।
डीपीएस जानकीपुरम की छात्र राशि वर्मा लखनऊ एयरपोर्ट से पिता राजकुमार वर्मा के साथ बेंगलुरु के लिए सुबह फ्लाइट से करीब साढ़े आठ बजे रवाना हुईं। राशि के रवाना होने के बाद उनकी मां सीमा देवी जानकीपुरम स्थित घर लौट गईं। राजकुमार ने बताया कि वह बेटी के साथ बेंगलुरु स्थित अशोका गेस्ट हाउस दोपहर करीब डेढ़ बजे पहुंचे। उन्होंने बताया कि देर रात बेटी को इसरो मुख्यालय से गाड़ी गेस्ट हाउस लेनी पहुंची। गाड़ी से बेटी इसरो के लिए रवाना हुई। जहां वह पीएम के साथ चंद्रयान-टू की लैंडिंग देखने के इरादे से पहुंची। वहीं, डीपीएस की प्रिंसिपल नीरू भास्कर और शिक्षक अंशुल गुप्ता ने बताया कि यह उनके और विद्यालय के लिए गर्व की बात है।
बीरबल साहनी संस्थान के पूर्व वैज्ञानिक डॉ.सीएम नौटियाल ने बताया कि विक्रम साराभाई के जन्म शताब्दी वर्ष तथा इसरो एवं मानव के चंद्रमा पर अवतरण के स्वर्ण जयंती वर्ष में चंद्रयान-दो सर्वथा उपयुक्त है। सॉफ्ट लैंडिंग चुनौती अवश्य है लेकिन आशावान है। उत्कंठा से रोवर के चांद की सतह पर घूमने के समाचार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि आठ साल वह खुद इसरो की संस्था में रहे हैं।