ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर बढ़ी जुर्माने की राशि से नियम तोड़ने वालों में डर है। इसी तरह के भय से पीड़ित एक मजदूर का मामला थाना एत्माद्दौला क्षेत्र में देखने को मिला। मजदूर ने अपने नाबालिग बेटे को पहले तो बाइक दिला दी। मगर, बढ़े जुर्माने के डर से उसने चाबी छीन ली। जिद करने पर उसे कमरे में बंद कर दिया। पुलिस ने उसे मुक्त कराया तब मामला खुला।
शाहदरा निवासी धर्म सिंह मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरता है। 16 वर्ष का बड़ा बेटा पिता से मोटर साइकिल खरीदने की जिद काफी समय से कर रहा था। जिद के आगे पिता बेबस हो गए और 12 अगस्त को फाइनेंस कराकर मोटरसाइकिल दिला दी। परिवार में सभी खुश थे कि घर में बाइक है और बेटा बाइक से कई काम आसान कर देगा, लेकिन यह खुशी मजदूर धर्म सिंह के लिए महज कुछ दिनों के लिए थी। मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के तहत जुर्माने की राशि कई गुना अधिक बढ़ गई। इससे धर्म सिंह परेशान होने लगा। एक हफ्ते पहले बेटे को बुलाकर बाइक की चाबी छीन ली बेटे ने सोचा कि एक दो दिन के बाद मिल जाएगी यह सोचकर बेटे ने भी बड़ी आसानी से पिता को चाबी थमा दी। कई दिनों तक जब पिता ने बाइक की चाबी वापस नहीं की तो बेटे ने जिद की और बाइक की चाबी लेने के लिए अड़ गया। उधर, बेटे पर न हेलमेट था और न ही उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस ऊपर से बेटा नाबालिग। पिता ने सभी नियमों को ध्यान में रखा और उनके द्वारा बनाने वाली चालान राशि का योग सुनकर भयभीत हो गया। जब बेटा नहीं माना तो शुक्रवार की रात घर के पास बने गणोश पंडाल से बेटे को पकड़कर पहले तो उसके पैर बांधे और उसे कमरे में लाकर उसमें रखे बख्से में बंद कर दिया। मजदूर के बेटे ने बताया कि उसके दोस्तों को फोन पर कमरे में बंधक होने की जानकारी दी। उनसे नंबर मिलने पर उसने थाना प्रभारी को घटना की जानकारी दे दी। पुलिस ने वहां पहुंचकर उसे मुक्त कराया। पुलिस पिता-पुत्र को थाने ले आई। समाधान दिवस में पहुंचे एसपी सिटी प्रशांत वर्मा के सामने दोनों को पेश किया गया। उन्होंने नाबालिग को बाइक न चलाने की हिदायत दी और ट्रैफिक नियमों का महत्व समझाया।