आयुष्मान खुराना हमेशा अपनी स्क्रिप्ट का चुनाव बहुत ही सोच समझकर करते हैं विकी डोनर से आज तक उन्होंने जिस भी फिल्म का चुनाव किया है उसकी कहानी फिल्म का सबसे मजबूत स्टार होती है। आज के डिजिटल इरा में पूरी दुनिया सोशल प्लेटफॉर्म पर एक दूसरे से कनेक्ट करके अपने दोस्तों का दायरा बढ़ाना चाहती है मगर वास्तविक जीवन में सुख-दुख बांटने वाले दोस्तों का सचमुच अकाल सा हो गया है| यही आत्मा है फिल्म ड्रीम गर्ल की।
छोटे से शहर में रहने वाला कर्मवीर( आयुष्मान खुराना) बचपन से ही लड़की की आवाज निकालने में महारत रखता है। उसके पिता दिलजीत( अनु कपूर) जो मरणोपरांत लगने वाले सामान के विक्रेता है, उनके साथ कर्मवीर अपनी बेरोजगार जिंदगी बसर कर रहा है| कभी-कभी राधा या सीता का किरदार निभाते हुए उसे इनाम मिल जाता है जो पिता के कर्ज निपटाने में खर्च हो जाता है।
ऐसे में उसे नौकरी मिलती है कॉल सेंटर में जहां पर वह लड़की की आवाज में दुनिया भर से बातें करता है और धीरे-धीरे उसे पता पड़ता है कि दुनिया में कितना अकेलापन है | पूजा के प्यार में पूरा शहर पड़ा हुआ है लेकिन मामला वहां पर गड़बड़ा जाता है जहां पर उसके आसपास के लोग भी पूजा से प्यार करने लगते हैं| आगे क्या होता है इसी ताने-बाने पर बनी हुई है फिल्म ड्रीम गर्ल।
निर्देशक राज शांडिल्य पहली फिल्म से साबित करते हैं एक बेहतरीन स्क्रिप्ट के साथ उनकी निर्देशकीय पकड़ फ्रेम दर फ्रेम कहीं भी ढीली नहीं होती। अभिनय की बात करें तो आयुष्मान खुराना एक बार फिर से बाजी मार ली जाते हैं। माही के रूप में नुशरत भरुचा खूबसूरत तो लगी ही है साथ ही उन्होंने बेहतरीन काम भी किया है। अन्नू कपूर एक बहुत ही मंजे हुए कलाकार है उनकी उपस्थिति फिल्म में चार चांद लगा देती है इसके अलावा मनजोत सिंह अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं! विजय राज राजेश शर्मा राज भंसाली अभिषेक बनर्जी जैसे कलाकार फिल्म को विश्वसनीयता देते हैं!
फिल्म का संगीत मीत ब्रदर्स में बहुत ही बेहतरीन दिया है…कुल मिलाकर ड्रीम गर्ल एक बेहद मनोरंजक फिल्म है जिसका आनंद आप उठा सकते हैं।
ड्रीम गर्ल : 4 स्टार