बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी के विरुद्ध देशद्रोह, मारपीट व धमकी देने संबंधी मामले में दायर याचिका पर न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय देवेंद्र प्रताप सिंह के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई। मजिस्ट्रेट ने फैसले के लिए 17 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।
खचाखच भरी अदालत में याची अंतरराष्ट्रीय शूटर वर्तिका सिंह के अधिवक्ताओं रोहित तिवारी, रामशंकर त्रिपाठी व पवन तिवारी ने दलील पेश की। कहा कि किसी मामले में क्रास प्राथमिकी दर्ज कराना पीडि़त का अधिकार है। थाने की पुलिस ने पीडि़त पक्ष की प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय अभियुक्त पक्ष की झूठी प्राथमिकी दर्ज कर ली। पुलिस इकबाल अंसारी के दबाव में है। बता दें, वर्तिका ङ्क्षसह ने इकबाल अंसारी व उनके परिवार की तीन महिलाओं व एक लड़के के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत याचिका न्यायालय में दायर की है। उन्होंने इकबाल अंसारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी पर सत्ता के लिए राजनीति करने, राममंदिर व देश के बारे में आपत्तिजनक बातें कहने का आरोप लगाया है।
वर्तिका ने दोहराए आरोप
कोर्ट में बहस के बाद याची वर्तिका ङ्क्षसह ने मीडिया के समक्ष इकबाल अंसारी के विरुद्ध लगाए गए आरोप दोहराए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर बन कर रहेगा। उधर आरोपित इकबाल अंसारी ने वर्तिका सिंह के आरोपों को गलत व झूठा बताया। सारे कृत्य को सोची-समझी साजिश करार दिया।
यह था मामला
लखनऊ निवासी निशानेबाज वर्तिका सिंह तीन सिंतबर को अयोध्या गईं थीं। वहां उन्होंने इकबाल अंसारी से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों में बातचीत के दौरान झड़प हो गई थी। इकबाल अंसारी ने वर्तिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर लखनऊ भेज दिया था। मामले की जांच चल रही है। इस बीच वर्तिका ने कोर्ट में शरण लेकर इकबाल अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।