जिले में 20 बीघे से अधिक जमीन पर देश का पहला नमो वन विकसित होने जा रहा है। सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन 17 सितंबर को यह तोहफा देना चाहती हैं। इसके लिए अधिकारियों ने जमीन खोज ली है। यहां मेनका गांधी की मौजूदगी में एक साथ दस हजार पौधे रोपे जाएंगे।
औषधीय पौधों से आच्छादित होगा वन
नमो वन में ज्यादातर औषधीय, फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जाएंगे। मकसद है कि खत्म हो रहे जंगल की वजह से निराश्रित जंगली जीवों को पुनर्वास मिल सके व पर्यावरण संतुलित होने के साथ लोगों को औषधियां भी प्राप्त हों। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा मिले। दावा है कि सभी प्रकार की दुर्लभ जड़ी-बूटियों वाले पौधे नमो वन में मौजूद होंगे। पहले दिन 10 हजार पौधों से वन की शुरुआत होगी। बाद में इसका क्षेत्र बढ़ता जाएगा।
ये औषधीय पौधे रोपे जाएंगे
अश्वगंधा, तुलसी, हरजोर, हल्दी, चंदन, कालमेघ, एलोवीरा, नागफनी, सर्पगंधा, चिरायता, सतावरी, सहजन, कंटकारी, अडूसा, शंखपुष्पी, आज्ञाघास, बकापन, अतिबला, आमाहल्दी, घृतकुमारी, महुआ, पीपल, अर्जुन, विजयसार, निर्गुण्डी, पुनर्नवा, अशोक इत्यादि।
भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि पर्यावरण से मेरा प्रेम बहुत पुराना है। पेड़-पौधों व जीव-जंतुओं की अहमियत इंसानों से कम नहीं है। यह बात सबको समझनी होगी। जब धरती पर पेड़-पौधे व जीव-जंतु नहीं रहेंगे तो इंसानों का जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। पीएम मोदी भी पर्यावरण प्रेमी हैं। वह पर्यावरण संतुलन बनाने व ग्लोबल वार्मिंग रोकने को बेहद चितिंत व प्रयत्नशील हैं। इसलिए उनके जन्मदिन पर यह तोहफा देने का विचार आया।