कथित तौर पर स्वामी चिन्मयानंद का जो वीडियो बनाया गया, उसके लिए पूरी तैयारी की गई। ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर ऐसा चश्मा तलाशा गया, जिस पर कैमरा लगा था। उसे ऑर्डर किया, चश्मा मुमुक्षु आश्रम के पते पर ही आया। जिसे लगाने के बाद छात्र चिन्मयानंद के पास पहुंची थी। उसका कहना था कि कमरे में बुलाने से पहले चिन्मयानंद मोबाइल फोन बाहर रखवा देते थे इसलिए खुफिया कैमरा मंगवाना पड़ा।
छात्र जिसे मुंहबोला भाई बता रही थी, उस संजय सिंह ने जागरण को बताया कि वीडियो इसी साल का बना हुआ है। जनवरी में छात्र ने उसे स्वामी चिन्मयानंद के बारे में कई बातें बताईं। कई गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद उसने वीडियो बनाने का सुझाव दिया। मगर, छात्र ने बताया कि चिन्मयानंद उसका मोबाइल फोन कमरे से बाहर ही रखवा देते हैं इसलिए फोन से वीडियो बना पाना संभव नहीं होगा। तय हुआ कि खुफिया कैमरा मंगवाया जाए। संजय की सलाह पर छात्र ने ऑनलाइन शॉ¨पग साइट्स पर खुफिया कैमरा तलाशा। एक चश्मा ऐसा दिखा जिसके फ्रेम में कैमरा लगा था, उसे ही ऑर्डर कर दिया। चूंकि छात्र मुमुक्षु आश्रम के हॉस्टल में ही रहती थी इसलिए उसी पते पर मंगवाया।
पहले चिन्मयानंद ने बनवाया वीडियो, उसी से आया आइडिया
बंथरा में बातचीत के दौरान संजय ने बताया कि छात्र कुछ समय पहले जब बाथरूम नहा रही थी तब चिन्मयानंद के करीबी युवक उसका वीडियो बना लिया था। जिसे हथियार बनाकर चिन्मयानंद ने शोषण के लिए उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इससे उन लोगों को भी वीडियो से ही स्वामी के कृत्यों के खुलासे का आइडिया आया।
नवरात्र से पूर्व शुरू हुई रिकार्डिंग
संजय की मानें तो चिन्मयानंद ने छात्र को टोका भी था कि चश्मा क्यों लगाती हो। इस पर जवाब दिया था कि आंखों में दर्द है। संजय का कहना है कि उसने छात्र के शोषण को देख उसे नर्क से निकालने को मन बना लिया था। यही वजह रही कि छात्र उससे हर बात साझा करती रही।
पिक्चर अभी बाकी है ..
संजय का कहना है कि अभी कई ऐसे वीडियो है जिनसे स्वामी का असली चेहरा उजागर होगा। छात्रवास से चिन्मयानंद की कुटिया तक जाने और वहां से आने के कई वीडियो उसके पास है। जिन्हें उचित समय पर सौंपा जाएगा।
वीडियो पर तारीख को लेकर असमंजस
मंगलवार को 14 वीडियो क्लिप वायरल हुईं, जिन्हें स्वामी चिन्मयानंद व छात्र की बताया जा रहा। उन पर 31 जनवरी 2014 तारीख दिख रही। जबकि संजय का दावा है कि इसी साल वीडियो बना। तारीख के बाबत आशंका यह भी है कि नए कैमरे में समय, तारीख की सेटिंग अपेडट न की गई हो।
खुफिया कैमरे से बनाया स्वामी का वीडियो
मंगलवार को कथित तौर पर स्वामी चिन्मयानंद और छात्र के जो वीडियो वायरल हुए, कहा जा रहा था कि वे दिव्यधाम के प्रथम तल के एक कमरे में बने थे। वह कमरा चिन्मयानंद का आराम कक्ष है। एसआइटी ने इसीलिए छात्र को वह कमरा दिखाकर बयान दर्ज किए।
इससे पहले गुरुवार शाम सवा छह बजे एसआइटी के नोटिस पर चिन्मयानंद पुलिस लाइंस में बने अस्थाई कार्यालय पहुंचे। वहां उनसे रात एक बजकर दस मिनट तक पूछताछ होती रही। छात्र ने उन पर दुष्कर्म के आरोप लगाए, इस बाबत सवाल किए गए। इसके अलावा चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह की ओर से अज्ञात पर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया है, एसआइटी ने उस प्रकरण पर भी उनसे जानकारी हासिल की।
अचानक तेजी में आई एसआइटी
एसआइटी को 23 सितंबर को अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपनी है। 12 सितंबर से अचानक जांच में तेजी आई। शाम सवा छह बजे से चिन्मयानंद से पूछताछ हुई जोकि रात करीब सवा बजे तक चले। इसके तकरीबन दो घंटे के अंदर एसआइटी उनके आवास दिव्य धाम पहुंच गई और कमरे सील कर दिए। इसके बाद गुरुवार को पूरे दिन परिसर में ही जांच होती रही।
चिन्मयानंद प्रकरण पर अखिलेश यादव कुछ नहीं बोले
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नेशनल हाईवे स्थित एक ढाबा पर स्वागत किया गया। जब उनसे स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण पर सवाल पूछा गया तो कुछ सेकेंड के लिए चुप रहे। उसके बाद बोले कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं कहना है।
साढ़े चार घंटे जांच के बाद रात को फिर पहुंची एसआइटी
शुक्रवार दोपहर को एसआइटी की टीम मुमुक्षु आश्रम में करीब साढ़े चार घंटे तक रही। इस दौरान छात्र व उसके पिता की मौजूदगी में स्वामी चिन्मयानंद के दिव्य धाम के अलावा परिसर में एक बार फिर से पड़ताल की। रात को टीम अचानक दोबारा वहां पहुंच गई। शुक्रवार को दोपहर लगभग एक बजकर बीस मिनट पर छात्र को लेकर पुलिस आश्रम पहुंची थी। पांच मिनट बाद एसआइटी की टीम वहां आ गई। एसआइटी टीम छात्र के साथ दिव्य धाम के उस कक्ष में गई जहां उसने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। फॉरेंसिक टीम ने वहां पर इस प्रकरण से संबंधित साक्ष्य जुटाए।
न स्वामी का बुरा चाहते थे, न लड़की का.. संजय की चिंता थी
कथित तौर पर चिन्मयानंद के वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार शाम को ही एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसे रंगदारी प्रकरण से जोड़ा गया था। जिसमें कार सवार पांच युवक स्वामी चिन्मयानंद को मैसेज कर मांगे गए रुपये आदि पर बातचीत कर रहे है। कार सवार वे युवक कौन थे, उनकी तलाश करते हुए जागरण बंथरा गांव पहुंचा। वहां कार में सवार एक युवक संजय से मुलाकात हुई। पता चला कि कार में उनके साथ उन्हीं के करीबी लोग थे। संजय के पास बैठे तहेरे भाई ने बताया कि छात्र से मुलाकात भाई ने ही कराई थी। बताया कि स्वामी चिन्मयानंद लड़की का शोषण कर रहे।
छात्र जिसे मुंहबोला भाई बता रही थी, उस संजय सिंह ने जागरण को बताया कि वीडियो इसी साल का बना हुआ है। जनवरी में छात्र ने उसे स्वामी चिन्मयानंद के बारे में कई बातें बताईं। कई गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद उसने वीडियो बनाने का सुझाव दिया। मगर, छात्र ने बताया कि चिन्मयानंद उसका मोबाइल फोन कमरे से बाहर ही रखवा देते हैं इसलिए फोन से वीडियो बना पाना संभव नहीं होगा। तय हुआ कि खुफिया कैमरा मंगवाया जाए। संजय की सलाह पर छात्र ने ऑनलाइन शॉ¨पग साइट्स पर खुफिया कैमरा तलाशा। एक चश्मा ऐसा दिखा जिसके फ्रेम में कैमरा लगा था, उसे ही ऑर्डर कर दिया। चूंकि छात्र मुमुक्षु आश्रम के हॉस्टल में ही रहती थी इसलिए उसी पते पर मंगवाया।
पहले चिन्मयानंद ने बनवाया वीडियो, उसी से आया आइडिया
बंथरा में बातचीत के दौरान संजय ने बताया कि छात्र कुछ समय पहले जब बाथरूम नहा रही थी तब चिन्मयानंद के करीबी युवक उसका वीडियो बना लिया था। जिसे हथियार बनाकर चिन्मयानंद ने शोषण के लिए उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इससे उन लोगों को भी वीडियो से ही स्वामी के कृत्यों के खुलासे का आइडिया आया।
नवरात्र से पूर्व शुरू हुई रिकार्डिंग
संजय की मानें तो चिन्मयानंद ने छात्र को टोका भी था कि चश्मा क्यों लगाती हो। इस पर जवाब दिया था कि आंखों में दर्द है। संजय का कहना है कि उसने छात्र के शोषण को देख उसे नर्क से निकालने को मन बना लिया था। यही वजह रही कि छात्र उससे हर बात साझा करती रही।
पिक्चर अभी बाकी है ..:
संजय का कहना है कि अभी कई ऐसे वीडियो है जिनसे स्वामी का असली चेहरा उजागर होगा। छात्रवास से चिन्मयानंद की कुटिया तक जाने और वहां से आने के कई वीडियो उसके पास है। जिन्हें उचित समय पर सौंपा जाएगा।
वीडियो पर तारीख को लेकर असमंजस : मंगलवार को 14 वीडियो क्लिप वायरल हुईं, जिन्हें स्वामी चिन्मयानंद व छात्र की बताया जा रहा। उन पर 31 जनवरी 2014 तारीख दिख रही। जबकि संजय का दावा है कि इसी साल वीडियो बना। तारीख के बाबत आशंका यह भी है कि नए कैमरे में समय, तारीख की सेटिंग अपेडट न की गई हो।
जासं, शाहजहांपुर: मंगलवार को कथित तौर पर स्वामी चिन्मयानंद और छात्र के जो वीडियो वायरल हुए, कहा जा रहा था कि वे दिव्यधाम के प्रथम तल के एक कमरे में बने थे। वह कमरा चिन्मयानंद का आराम कक्ष है। एसआइटी ने इसीलिए छात्र को वह कमरा दिखाकर बयान दर्ज किए।
इससे पहले गुरुवार शाम सवा छह बजे एसआइटी के नोटिस पर चिन्मयानंद पुलिस लाइंस में बने अस्थाई कार्यालय पहुंचे। वहां उनसे रात एक बजकर दस मिनट तक पूछताछ होती रही। छात्र ने उन पर दुष्कर्म के आरोप लगाए, इस बाबत सवाल किए गए। इसके अलावा चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह की ओर से अज्ञात पर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया है, एसआइटी ने उस प्रकरण पर भी उनसे जानकारी हासिल की।
अचानक तेजी में आई एसआइटी
एसआइटी को 23 सितंबर को अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपनी है। 12 सितंबर से अचानक जांच में तेजी आई। शाम सवा छह बजे से चिन्मयानंद से पूछताछ हुई जोकि रात करीब सवा बजे तक चले। इसके तकरीबन दो घंटे के अंदर एसआइटी उनके आवास दिव्य धाम पहुंच गई और कमरे सील कर दिए। इसके बाद गुरुवार को पूरे दिन परिसर में ही जांच होती रही।
चिन्मयानंद प्रकरण पर अखिलेश यादव कुछ नहीं बोले
संस, तिलहर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नेशनल हाईवे स्थित एक ढाबा पर स्वागत किया गया। जब उनसे स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण पर सवाल पूछा गया तो कुछ सेकेंड के लिए चुप रहे। उसके बाद बोले कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं कहना है।
साढ़े चार घंटे जांच के बाद रात को फिर पहुंची एसआइटी
जासं, शाहजहांपुर : शुक्रवार दोपहर को एसआइटी की टीम मुमुक्षु आश्रम में करीब साढ़े चार घंटे तक रही। इस दौरान छात्र व उसके पिता की मौजूदगी में स्वामी चिन्मयानंद के दिव्य धाम के अलावा परिसर में एक बार फिर से पड़ताल की। रात को टीम अचानक दोबारा वहां पहुंच गई। शुक्रवार को दोपहर लगभग एक बजकर बीस मिनट पर छात्र को लेकर पुलिस आश्रम पहुंची थी। पांच मिनट बाद एसआइटी की टीम वहां आ गई। एसआइटी टीम छात्र के साथ दिव्य धाम के उस कक्ष में गई जहां उसने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। फॉरेंसिक टीम ने वहां पर इस प्रकरण से संबंधित साक्ष्य जुटाए।
न स्वामी का बुरा चाहते थे, न लड़की का.. संजय की चिंता थी
जासं, शाहजहांपुर : कथित तौर पर चिन्मयानंद के वीडियो वायरल होने के बाद मंगलवार शाम को ही एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसे रंगदारी प्रकरण से जोड़ा गया था। जिसमें कार सवार पांच युवक स्वामी चिन्मयानंद को मैसेज कर मांगे गए रुपये आदि पर बातचीत कर रहे है। कार सवार वे युवक कौन थे, उनकी तलाश करते हुए जागरण बंथरा गांव पहुंचा। वहां कार में सवार एक युवक संजय से मुलाकात हुई। पता चला कि कार में उनके साथ उन्हीं के करीबी लोग थे। संजय के पास बैठे तहेरे भाई ने बताया कि छात्र से मुलाकात भाई ने ही कराई थी। बताया कि स्वामी चिन्मयानंद लड़की का शोषण कर रहे।
स्वामी चिन्मयानंद के विरोध में आरसी मिशन क्षेत्र में निकाला गया कैंडल मार्च ’ जागरण