IIM लखनऊ में CM योगी के मंत्रियों के साथ अफसरों ने भी सीखा लक्ष्य हासिल करने के लिए टीम वर्क

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) में पिछले रविवार सुशासन का ज्ञान हासिल कर चुके मंत्रियों के साथ इस रविवार शासन के शीर्ष अफसर भी छात्र बने। पांच कालीदास मार्ग से छह लक्जरी बस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी व शासन के शीर्ष अधिकारी आइआइएम पहुंचे।

पाठशाला में पहली नसीहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही दी और ढाई वर्ष की शेष अवधि में विकास को रफ्तार देने का मंसूबा भी जाहिर किया। लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम मंथन-2 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए टीम वर्क जरूरी है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन (दस खरब) डॉलर वाला बनाने में यह प्रशिक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। 

उत्तर प्रदेश में सुशासन की परिकल्पना को पूरी तरह साकार करने के लिए दूसरे चरण के मंथन में आइआइएम लखनऊ में योगी आदित्यनाथ और उनके सहयोगी मंत्रियों के साथ रविवार को शासन के शीर्ष अधिकारी भी छात्र की भूमिका में थे। लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम मंथन-2 में शिरकत करने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और शासन के वरिष्ठ अफसरों के साथ आइआइएम लखनऊ पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य प्रदेश के समग्र विकास और सुशासन का रोडमैप तैयार करना है और एक टीम के रूप में उसे जमीन पर उतारना है।

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में विकास और सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। इसे गति प्रदान करने में मंथन जैसे कार्यक्रमों की बड़ी उपयोगिता है। प्रदेश में समग्र विकास और सुशासन का रोडमैप तैयार करना है और एक टीम के रूप में उसे जमीन पर उतारना वर्तमान सरकार का लक्ष्य है। आइआइएम जैसे संस्थान के साथ मिलकर इस दिशा में बड़ा काम किया जा सकता है।

योगी ने कहा कि पिछले सत्र में विकास और सुशासन के संबंध में सार्थक चर्चा हुई थी। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ-साथ मुख्य सचिव समेत सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को भी शामिल किया गया है, जिससे टीम वर्क के साथ लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक तंत्र के पास विजन तो है पर उस विजन को मूर्त रूप देने में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक सिद्ध हो सकते हैं। इस प्रकार प्रदेश को 23 करोड़ जनता को बेहतर ढंग से शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया जा सकता है। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लक्ष्यों को कैसे प्राप्त कर सकते है। इस लिए टीम वर्क जरूरी है। आज इस विषय पर अध्ययन होगा। मुझे विश्वास है कि हम आइआइएम जैसे संस्थान के साथ मिल कर एक बड़ी दिशा में काम के सकते है। प्रथम चरण सकारात्मक रहा। आज दूसरा चरण है। जिसके लिए हम आई आई एम जा रहे हैं। 22 सितंबर को तीसरा चरण होगा जिसमें हम फिर एक बार बैठेंगे।

सीएम पर्यावरण के प्रति बेहद संजीदा

पर्यावरण के प्रति बेहद संजीदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सीएम के सरकारी आवास से आइआइएम क्लास में जाने वाले मंत्रियों और अफसरों को तांबे की बोतल और बैग दिया। उत्तर प्रदेश में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद मंत्री व अधिकारी तांबे की बोतल में पानी पिएंगे। 

योगी ने एक-एक को आगे बढ़ाया 

बस से सबसे पहले खुद मुख्यमंत्री उतरे। नीचे उतरने के बाद वह बस के दरवाजे के पास ही खड़े रहे। उनके बाद जो भी मंत्री और अफसर उतरते, उनकी कुशल क्षेम पूछते। यह भी पूछते कि क्लास के लिए तैयारी पूरी है न? मंत्री और अफसर भी हंसकर उनका अभिवादन करते। कई मंत्रियों ने उनके चरण स्पर्श भी किए। संक्षिप्त संवाद के बाद वे प्रशिक्षण स्थल बोधि गृह-2 भवन की ओर चल पड़ते। सूक्ष्म, लघु एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह नीचे उतरे तो मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा ‘आपका बैग है न?’, सिद्धार्थनाथ ने कंधे पर लटका बैग और उसमें खोंसी बोतल उन्हें दिखाकर कहा ‘बैग भी है और वाटर बॉटल भी।’ 

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