कोतवाली शहर क्षेत्र के भदैंचा गांव में शनिवार की रात अनुसूचित जाति के एक युवक को घर में बंद कर पेट्रोल डालकर जला दिया गया। पुलिस ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां रास्ते में उसकी मौत हो गई। वहीं बेटे की मौत की खबर सुनते ही बीमार मां ने सदमे में दम तोड़ दिया। परिवारजनों ने रंजिशन घर में बंधक बनाकर जिंदा जलाने का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस घटना का कारण प्रेम प्रसंग बता रही है। तहरीर के आधार पर एफआइआर दर्ज कर आरोपित दंपती समेत तीन को हिरासत में ले लिया है।
यह है मामला
भदैंचा निवासी मोनू (30) पुत्र मिथिलेश खेतीबाड़ी करता है। उसकी मां रामबेटी की शनिवार की रात तबियत खराब हो गई थी। परिवारजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए थे। मोनू गांव पर ही था, आधी रात बाद उसे गांव निवासी राधे गुप्ता के घर में पेट्रोल डालकर जला दिया गया। सूचना पर पुलिस पहुंची तो मोनू कमरे में गंभीर रूप से झुलसा पड़ा था। आनन फानन उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में भर्ती रामबेटी ने मोनू को जलाने की खबर सुनी तो उनकी हालत और खराब हो गई, चिकित्सकों ने लखनऊ रेफर कर दिया लेकिन उनकी मौत हो गई। मोनू के चाचा अजयपाल ने राधे गुप्ता उनकी पत्नी डाली गुप्ता व एक अन्य के साथ ही गांव के ही सत्यम सिंह व शिखर सिंह पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मोनू, मां को लखनऊ ले जाने के लिए गांव से रुपये लेने गया था। आरोपित घर के बाहर बैठे थे, उसे देखकर गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर घर में खींच ले गए, उसके पास मौजूद 25 हजार रुपये छीनकर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
प्रेम प्रसंग बता रही पुलिस
रविवार दोपहर बाद लखनऊ से जाते समय रास्ते में मोनू ने दम तोड़ दिया। पुलिस घटना के पीछे प्रेम प्रसंग बता रही है। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मोनू के करीब छह वर्ष से युवती से प्रेम प्रसंग चल रहे थे। शनिवार की रात भी मोनू उसी की वजह से राधे के घर गया था। वहीं पर उसके साथ घटना हुई। मोनू के चाचा अजयपाल की तहरीर के आधार पर एफआइआर दर्ज कर ली गई है। राधे, उनकी पत्नी समेत तीन लोग हिरासत में हैं। पुलिस जांच कर आगे की कार्रवाई कर रही है।