जिलापूर्ति विभाग का खेल निराला है। मृतकों को स्वर्ग में राशन पहुंचाने का काम करने के साथ ही एक ही नाम के लोगों को अंत्योदय व बीपीएल योजना का लाभ देने का भी मामला प्रकाश में आने पर डीएम ने लाभार्थी सूची के सत्यापन के लिए कमेटी गठित कर दी है। कोटेदार को निलंबित कर दिया है। ई-पॉश मशीन से खाद्यान्न वितरण के बाद भी कोटेदार मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। हरैया सतघरवा ब्लॉक के मंगराकोहल गांव में कोटे की दुकान से सरकारी योजना का राशन लेने परलोक से भी लोग आते हैं। गांव के इशहाक व कृष्णावती ने बताया कि हरीराम, कोयला, बिटना, सावित्री, प्रभावती, प्रियंका, गुलशन, नूरजहां व जाकीराम की मौत कई वर्ष पहले हो चुकी है।इनके नाम से आज भी खाद्यान का उठान किया जा रहा है। यही नहीं अंत्योदय व बीपीएल दोनों योजनाओं के लाभार्थी सूची में एक ही नाम के लोगों को लाभ मिल रहा है। जिसमें जगमाता, जनक नंदिनी, बीना, राजिया समेत 11 लोग हैं। प्रधान प्रतिनिधि संजय ङ्क्षसह का आरोप है कि अकीबुल निशा, ओम प्रकाश, सत्ता,बाबू, संतराम, धीरू, जुग्गा, सकीना, बृजलाल, फूलमती, सबीना व नजमा गांव की निवासी नहीं हैं, लेकिन इनका नाम लाभार्थियों की सूची में है।मामला डीएम कृष्णा करुणेश के सामने पहुंचा तो उन्होंने आनन-फानन में संबंधित कोटेदार का लाइसेंस निलंबित करने का आदेश दे दिया। साथ ही मंगराकोहल गांव की लाभार्थी सूची के सत्यापन, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ जिला पूर्ति अधिकारी कुंवर दिनेश प्रताप ङ्क्षसह का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। सूची सत्यापन के बाद ही मृतक व फर्जी नाम पता चल सकेगा। मामला पुराना निलंबित कोटेदार साहेबदास जायसवाल का कहना है कि मृतक व एक ही नाम के लाभार्थी दो योजनाओं का लाभ लेने का मामला पुराना है। 2018 में उनको लाइसेंस मिला था। उसी समय उन्होंने फर्जी, मृतक व एक नाम से दो योजनाओं में शामिल होने की जांच कराकर सूची शुद्ध कराई थी। मशीन से वितरण में मृतक को राशन देना संभव नहीं है। जो भी आरोप लगे हैं। निराधार हैं। वर्तमान में दुकान निलंबित है।