प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय भूटान दौरे का आज दूसरा दिन है। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह पहला भूटान दौरा है। रविवार को रॉयल यूनिवर्सिटी में विद्यार्थिों को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों के साथ की। साथ ही उन्होंने कहा कि इन दोनों देशों को बौद्ध धर्म जोड़े हुए है। इस दौरान उन्होंने भूटान के छात्रों को भारत में आने के लिए अमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत मेंशिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया जा रहा है। इसलिए भूटानी छात्र वहां आ सकते हैं।
भारत और भूटाना की साझा संस्कृति
पीएम मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों के जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों की संस्कृति जुड़ी हुई है। साथ ही उन्होंने छात्रों से परीक्षा के वक्त तनाव मुक्त रहने के लिए कहा और अपनी किताब एग्जाम वॉरियर्स का जिक्र भी किया।उन्होंने कहा कि मैंने ये किताब गौतम बुद्ध से प्रेरित होकर लिखी है।
– चंद्रयान के जिक्र करते हुए कहा कि 2022 तक किसी भारतीय को अंतरिक्ष में भेजेंगे।
-गरीबी उन्मूलन के लिए भारत में तेजी से काम हो रहा है
– पीएम मोदी मे कहा कि मौजूदा समय में दुनिया में अवसरों की कमी नहीं है।
-मैंने अपनी पुस्तक ‘एग्जाम वॉरियर्स’ में जो कुछ लिखा है, वह भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रभावित है, विशेष रूप से सकारात्मकता का महत्व, भय पर काबू पाने और एकता में रहने का, वर्तमान समय के साथ हो या माँ प्रकृति के साथ हो।
-भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना आयुष्मान भारत का घर है। ये योजना 500 मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य आश्वासन देता है। भारत में दुनिया की सबसे सस्ती डेटा कनेक्टिविटी है, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को सशक्त बना रही है।
-भूटान में आने वाला व्यक्ति उसकी प्राकृतिक सुंदरता से उतना ही प्रभावित होता है जितना कि उसके लोगों की गर्मजोशी और सादगी से।
– रॉयल यूनिवर्सिटी में पीएम मोदी ने कहा कि आज के दौर में भारत में एतिहासिक बदलाव हुआ है।
पहले दिन हुआ इतने समझौते
शनिवार को दौरे के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा कि भूटान जैसा दोस्त और पड़ोसी कौन नहीं चाहता? ऐसे दोस्त के विकास का साथी बनना भारत के लिए भी सम्मान की बात है। इस दौरान पीएम मोदी ने रूपया कार्ड लांच करने के साथ ही 9 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इनमें से एक समझौते के तहत इसरो थिम्पू में अर्थ स्टेशन बनाएगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच एक बिजली खरीद समझौता भी हुआ। अन्य समझौते के तहत विमान हादसे और दुर्घटना की जांच, न्यायिक शिक्षा, अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विधिक शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एमओयू किए गए।
गौरतलब है कि बतौर प्रधानमंत्री पहले कार्यकाल में भी मोदी ने भूटान का दौरा किया था। पिछले दौरे पर मोदी ने कहा था कि भारत और भूटान के रिश्ते इसलिए मजबूत नहीं हैं कि इनकी सीमाएं खुली हैं, बल्कि यह मजबूती इसलिए है कि हमारे दिल खुले हैं। शनिवार को जिस खुले दिल से भूटान ने मोदी का स्वागत किया, वह इस बात को और भी पुष्ट करता है। भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग ने हवाईअड्डे पर पहुंचकर उनका स्वागत किया। इसके बाद मोदी राजधानी थिंपू के लिए रवाना हुए। इस दौरान पूरे रास्ते लोग भूटान और भारत का झंडा हाथों में लिए उनका स्वागत करते दिखाई दिए। मोदी ने भी अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही भूटान दौरे पर खुशी जताई। मोदी ने यहां पौधारोपण भी किया।
राजा से की मुलाकात
मोदी ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से भी मुलाकात की। मुलाकात के बाद मोदी ने कहा, ‘भूटान के राजा की दूरदृष्टि ने भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को गति दी है। उनकी ही सोच का नतीजा है कि भूटान दुनिया में एक उदाहरण बना हुआ है, जहां विकास को आंकड़ों के आधार पर नहीं, लोगों की खुशी के पैमाने पर मापा जाता है। जहां विकास परंपरा और पर्यावरण के साथ चलता है। ऐसा दोस्त और पड़ोसी कौन नहीं चाहेगा?’ महल पहुंचने पर मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
भूटान में लांच हुआ रुपे कार्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान में रुपे कार्ड लांच किया है। उन्होंने यहां के सर्वाधिक पुराने मठों में शुमार सिमतोखा जोंग (मठ) में एक खरीदारी करते हुए इसे लांच किया। इस कार्ड को दो चरणों में लांच किया जाना है। पहले चरण में भारतीय बैंक भारतीयों के लिए ऐसे रुपे कार्ड जारी करेंगे, जिनका भूटान में प्रयोग हो सकेगा। दूसरे चरण में भूटान के बैंकों को ऐसे रुपे कार्ड जारी करने का अधिकार दिया जाएगा, जिनका प्रयोग भारत आने वाले भूटानी नागरिक कर सकेंगे। मोदी के दौरे पर भारत और भूटान के बीच 10 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। एमओयू शोध, उड्डयन, आइटी, ऊर्जा और शिक्षा क्षेत्र में किए गए।
रॉयल भूटान यूनिवर्सिटी और भारत के विभिन्न आइआइटी के बीच हुआ समझौता भी इसमें शामिल है। मोदी और शेरिंग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से तैयार ग्राउंड अर्थ स्टेशन और सैटकॉम नेटवर्क का उद्घाटन भी किया। भारत ने भूटान के लोगों की जरूरत को देखते हुए घरेलू गैस (एलपीजी) की आपूर्ति भी 700 टन मासिक से 1,000 टन मासिक करने का फैसला किया है। भूटान की विदेशी मुद्रा की जरूरत को देखते हुए भारत ने भूटान के साथ मौजूदा स्टैंड बाय स्वैप अरेंजमेंट में 10 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था की है।
जलविद्युत परियोजना का किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां मांगदेछू जलविद्युत प्लांट का भी उद्घाटन किया। 4,500 करोड़ रुपये लागत वाली 720 मेगावाट की इस परियोजना को दोनों देशों ने मिलकर पूरा किया है। भारत ने इसके लिए 70 प्रतिशत राशि कर्ज के रूप में और 30 फीसद राशि अनुदान के रूप में दी है। मोदी ने कहा, ‘जलविद्युत दोनों देशों के बीच सहयोग का अहम क्षेत्र है। दोनों देशों के प्रयास से भूटान की जलविद्युत क्षमता 2,000 मेगावाट से ज्यादा हो गई है। मुङो भरोसा है कि हम अन्य परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा करेंगे।’