IPL 2020: हर्षा भोगले बोले- एनरिक नोर्त्जे और जोस बटलर के बीच की भिड़ंत ने आकर्षित किया

दिल्ली और राजस्थान के मुकाबले में दो ओवर ऐसे थे, जिन्होंने आपको खड़े होकर मुस्कुराने पर मजबूर किया और बताया कि टी-20 क्रिकेट इसके इर्दगिर्द बुनी गई चीजों से कहीं ज्यादा है। मुझे एनरिक नोर्त्जे और जोस बटलर के बीच की भिड़ंत ने आकर्षित किया। यहां एक तेज गेंदबाज वही काम कर रहा था, जो करने के लिए तेज गेंदबाज जाने जाते हैं और वो है तेज गेंदबाजी करना।

नोर्त्जे, धीमी या वाइड यॉर्कर नहीं फेंक रहे थे। वह तेजी से आ रहे थे और बटलर ने भी उन्हें निशाना बनाने में कसर नहीं छोड़ी। एक छक्का और दो चौके जिन गेंदों पर लगाए गए, उनकी गति 150 किमी प्रति घंटे के करीब थी। यहां तक कि पांचवीं गेंद तो 156 किमी की रफ्तार से फेंकी गई थी।

एनरिक ने इसके बाद भी रक्षात्मक रवैया नहीं अपनाया और डॉट गेंद फेंकने को लक्ष्य बनाया। वह फिर तेजी से दौड़कर आए और अगली गेंद 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी। वह गेंद बटलर के बल्ले के नीचे से निकलती हुई विकेट उड़ा ले गई। छह बहुत तेज गेंद, 16 रन और एक विकेट। मगर उससे बढ़कर ये गेंद और बल्ले के बीच का जोरदार मुकाबला था। जहां गेंद विकेट की तलाश में थी और बल्ला बाउंड्री की।

अगला ओवर इसके बिल्कुल विपरीत था। एनरिक जहां जबरदस्त फिट एथलीट हैं, वहीं अश्विन चतुर और जादूगर। वह गेंद हवा में उछालते हैं, गति को रोककर रखते हैं, बल्लेबाज को ललचाते हैं। जहां एनरिक 150 की गति से गेंदबाजी करते हैं, वहीं अश्विन की गति 85 है। जहां नोर्त्जे पिच पर इस तरह गेंद पटकते हैं, जैसे सतह ही उखाड़ देंगे, वहीं अश्विन बेहद सहजता से गेंद को पिच पर लैंड कराते हैं और वो भी हालात और पिच को पढ़ते हुए। यही वजह रही कि दिग्गज स्टीव स्मिथ शॉट खेलने के लिए आगे आए, लेकिन गेंद रुककर उन तक पहुंची। इसके साथ ही एक रिटर्न कैच अश्विन के पास पहुंच गया। ये विकेट पिच से ज्यादा दिमागी रूप से ली जा चुकी थी।

फास्ट एंड फ्यूरियस, चतुर और गहन। दो बेहद अलग कौशल। हम इस मुकाबले में छह गेंदों के भीतर ही इन दोनों तरह की गेंदबाजी के गवाह बन गए। आप गेंदबाजों को इस खेल में वापस लेकर आइए, ये खेल फिर से और समृद्ध हो जाएगा। बेशक, मैंने एक अन्य मुकाबले में बल्लेबाज के तौर पर एबी डिविलियर्स की शानदार पारी का भरपूर लुत्फ उठाया। लेकिन वे गेंदबाज ही हैं जो ऐसे खूबसूरत पल मुहैया कराते हैं। हम सभी को इससे एक सबक मिलता है। इस खेल से गेंदबाजों को कभी बाहर मत ले जाइए।

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