श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन करने पहुंचे तो हमारा हृदय दृवित हो गया। किस तरह से विदेशी आक्रांताओं ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर अपनी मस्जिद बना ली है, जो कि सनातन धर्म के लिए एक बड़ा कलंक है। ये कलंक अब मिटना चाहिए। आजादी के बाद भी इस तरह के कलंक न मिटे तो हमारे लिए शर्म की बात है।
छटीकरा मार्ग स्थित चिंतामणि कुंज में गुरुवार को पत्रकारों से रूबरू अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने यह बात कही। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शन करने के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने कहा यह कलंक मिटना बहुत जरूरी है। इसलिए जरूरी है कि हमारे मंदिर को चार बार तोड़ा गया। आताताई मुगलों का काम यही था कि हमारे मठ, मंदिरों को तोड़कर ईदगाह और मस्जिद बनाना था। श्रीराम जन्मभूमि तो हमें मिल गई, लेकिन अब हमारा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करवाना है। मंदिर के ऊपर जो गुंबद बना है, उसे किसी तरह से तोड़ा जाए। यह काम चाहे न्यायालय के द्वारा हो या आम सहमति अथवा सभी संतों की मौजूदगी में उसका तोड़ना बहुत उचित होगा, उसे तोड़ना भी चाहिए। चूंकि वह कलंक हमारे लिए है। देश में जो मुसलमान हमारे यहां रह रहे हैं, उनसे निवेदन है कि जो मुगल आताताई आए थे उनका समर्थन न करें। हमारे साथ आएं और हमारा समर्थन करें। संत, विश्व हिंदू परिषद के साथ सभी को लेकर विशाल जनजागरण चलाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और बाबा विश्वनाथ के कलंक को मिटाया जाएगा। आज भारत आजाद है तो हम लोग जानते हैं कैसे रामजन्मभूमि का कलंक तोड़ा गया। अब कृष्ण जन्मस्थान का कलंक तोड़ा जाएगा।
यमुना शुद्धिकरण के सवाल पर कहा कि इसी मुद्दे पर हमारी आज बैठक थी। लेकिन एक सदस्य के गोलोक गमन के कारण बैठक रद कर दी गई। हमारा उद्देश्य है कि यमुना के दोनों ओर हरियाली हो और यमुना शुद्ध हो। वृंदावन कुंभ के सवाल पर महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि ये संत समागम का ही एक रूप है। कुंभ केवल चार ही होते हैं। इसके लिए उनकी जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र से वार्ता हुई है और उन्होंने भरोसा दिया कि परंपरागत तरीके से व्यवस्थाएं की जाएंगी। कुंभ के नाम को लेकर फैले भ्रम पर महंत गिरि ने कहा वैष्णव संत अगर हमारे पास इस तरह की कोई शिकायत लेकर आएंगे, तो उनकी शिकायत पर अमल करके आगे नाम पर विचार किया जाएगा।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचे संत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गिरी और हनुमान गढ़ी के महंत धर्मदास, अयोध्या निर्वाणी अखाड़ा के महंत राजेंद्र दास, मथुरा-वृंदावन अखाड़ा के हरिशंकर नागा गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान भी पहुंचे। यहां उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी से मुलाकात की और मंदिर के दर्शन किए। गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने संतों को मंदिर की नींव पर बनी शाही ईदगाह मस्जिद दिखाई और इस पर चर्चा की।