दिवालिया होने के कगार पर पहुंची जेट एयरवेज ने अप्रैल के अंत तक 13 और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर विमान सेवा स्थगित कर दी है। एयरलाइंस सूत्रों के अनुसार इसके अलावा सात अन्य विदेशी रूट पर उड़ानों की संख्या घटा दी है। इनमें से ज्यादातर उड़ानें दिल्ली और मुंबई की हैं। जेट एयरवेज ने मुंबई से मैनचेस्टर रूट की सेवा पहले ही स्थगित कर दी थी।
जेट एयरवेज की प्रति महीने सीटों की संख्या के अनुमानित आंकड़े से पता चलता है कि फरवरी महीने में घरेलू उड़ानों की कुल सीटें 13 लाख घटकर 1 करोड़ 34 लाख रह गईं हैं। जबकि ये संख्या जनवरी महीने में 1 करोड़ 47 लाख थी। इसका कारण जेट एयरवेज के कई विमानों का उड़ान नहीं भरना है। इस एयरलाइन पर देनदारी 25 हजार करोड़ रुपये पहुंच गई है। बैंक एक हजार करोड़ रुपये की मदद का प्रस्ताव रखने को तैयार कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि जेट एयरवेज को बिजनेस में बने रहने के लिए कम से कम 10 हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। बीते कुछ समय में कंपनी का मार्केट शेयर भी गिरा है। यह दूसरे नंबर से फिसलकर चौथे नंबर पर आ गई है। माना जा रहा है कि एक हजार करोड़ रुपये से तो केवल पायलटों की सैलरी और कैंसल टिकट की राशि का ही भुगतान किया जा सकेगा।