पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों के फर्जीवाड़े के मामले में आरोपित आइपीएस अधिकारी अरविंद सेन को एंटी करप्शन कोर्ट ने गुरुवार को भगोड़ा घोषित कर दिया। उत्तर प्रदेश में मणिलाल पाटीदार के बाद अरविंद सेन दूसरे आइपीएस हैं, जिसे भगोड़ा घोषित किया गया है। अरविंद सेन पर पुलिस ने इनाम भी घोषित कर रखा है।
पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों के फर्जीवाड़े के मामले में एक अन्य आरोपी अमित मिश्रा को भी कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है। आरोपित लंबे समय से फरार चल रहा है। यही नहीं, हाल में गिरफ्तार किए गए निलंबित सिपाही दिलबहार सिंह यादव की आवाज का नमूना लेने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है। पुलिस के पास आरोपित दिलबहार की आवाज की रिकॉर्डिंग मौजूद है। पुलिस इसके आधार पर छानबीन करेगी।
इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह से पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये हड़प लिए गए थे। गिरोह में आशीष राय और मोंटी गुर्जर समेत 12 से अधिक लोग शामिल थे। तत्कालीन एसपी सीबीसीआइडी अरविंद सेन ने आरोपितों के कहने पर व्यापारी को अपने कार्यालय में धमकाया था। अरविंद सेन ने व्यापारी से कहा था कि उसके टेंडर की जांच चल रही है। इसके बाद आरोपितों ने व्यापारी से रुपये वसूले थे। मुख्यमंत्री के आदेश पर एसटीएफ ने पूरे प्रकरण की छानबीन शुरू की थी, जिसके बाद हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने अरविंद सेन के अलावा अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।
करोड़ों रुपये ठगने का आरोपी आइपीएस अरविंद सेन पर 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पिछले दिनों पुलिस अधिकारियों ने उनके परिचितों के जरिए हाजिर होने का संदेश भेजा था, जिसका कोई जवाब नहीं आया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आइपीएस के दिल्ली, अंबेडकरनगर और अयोध्या समेत अन्य ठिकानों पर टीमें लगातार दबिश दे रही है। अगर वह जल्द पुलिस अथवा कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी की जाएगी। हाई कोर्ट भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि फरार वह कोर्ट से जमानत लेने के प्रयास में हैं।
बता दें कि पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के कारोबारी मंजीत सिंह भाटिया से 10 करोड़ रुपये ठगने के आरोपी कथित पत्रकार एके राजीव, अनिल राय, आशीष राय के अलावा पशुधन विकास मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय का संविदाकर्मी धीरज कुमार देव, रूपक राय, उमाशंकर तिवारी समेत 12 लोगों के खिलाफ 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी।