Swami Chinmayanand Case : कम्युनिस्ट नेता वृंदा का आरोप- सत्ता पक्ष के दबाव में हो रही पीड़ित के खिलाफ कार्रवाई

 पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण तथा दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा के रंगदारी मांगने में जेल जाने पर राजनीतिक तेज हो गई है। छात्रा को रंगदारी मामले में जेल भेजने का विरोध शुरू हो गया। पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता वृंदा करात व पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर चिन्मयानंद को बचा रही है।

उन्होंने छात्रा की गिरफ्तारी और विशेष जांच दल (एसआइटी) की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि दोनों मामलों को एक बराबर रखा जा रहा, जोकि गलत है। छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया जिसकी रिपोर्ट अलग दर्ज होनी चाहिए। इससे पहले वृंदा करात व सुभाषिनी अली ने जेल पहुंचकर छात्रा से मुलाकात की। छात्रा के माता और भाई भी साथ में थे।

गुरुवार को शहर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में वृंदा करात ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ित की ओर से अलग मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पीडि़ता के साथ न्याय की बजाय अन्याय हुआ। उसे न्याय दिलाने के लिए हर मंच पर जाएंगे। सुभाषिनी अली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत एसआइटी को पीड़िता की रिपोर्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए थी।

एसआइटी को सौंपा ज्ञापन 

जेल में छात्रा से मुलाकात के बाद वृंदा करात व सुभाषिनी अली पुलिस लाइंस में बनाए गए एसआइटी के अस्थाई कार्यालय पहुंचीं। वहां एसआइटी प्रमुख नवीन अरोड़ा को संबोधित ज्ञापन वहां उपस्थित अधिकारी को सौंपा। कहा कि छात्रा ने दिल्ली में जीरो क्राइम नंबर पर चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसे यहां भी भेज दिया गया लेकिन क्राइम नंबर पर मामला दर्ज नहीं किया गया। बाद में एसआइटी की ओर से जो रिपोर्ट दर्ज हुई उसमें चिन्मयानंद पर धारा 376-सी लगाकर जानबूझकर केस का कमजोर किया गया। उन्होंने धारा 376 (1), 376 (2) के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की। यह भी कहा कि छात्रा के हॉस्टल के सील कमरे से खुफिया कैमरे वाला चश्मा व अन्य साक्ष्य गायब हो गए। इस बाबत भी मुकदमा दर्ज किया जाए।

इसलिए धारा 376-सी धारा पर सवाल

अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए यदि कोई किसी के साथ आपसी सहमति से शोषण करता है या इसके लिए प्रेरित करता है तो उस पर 376-सी धारा लगाई जाती है। इसमें पांच से दस वर्ष तक की सजा हो सकती है।

चिन्मयानंद व छात्रा है जेल में 

24 अगस्त को छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, वहीं 25 अगस्त को चिन्मयानंद के वकील ने अज्ञात पर रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया कि पांच करोड़ रुपये न देने पर चिन्मयानंद को बदनाम करने की धमकी दी गई है। 20 सितंबर को एसआइटी ने चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया और 25 सितंबर को रंगदारी के आरोप में छात्रा को। दोनों इस समय जेल में हैं। चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में एसआइटी ने छात्रा के तीन दोस्त संजय, विक्रम व सचिन को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया है। अब एसआइटी तीनों को रिमांड पर लेकर राजस्थान ले जाने की तैयारी में है। एसआइटी उनसे मोबाइल फेंकने के मामले में पूछताछ करेगी।

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