रिषभ पंत की लड़ाई खुद से, उन्हें सीखनी होगी दबाव में संभलने की कारीगरी

भारतीय टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत (Rishabh Pant) को पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (MS Dhohi) के उत्तराधिकारीके तौर पर चयनकर्ता स्थापित करने में जुटे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत को पुणे में 10 अक्टूबर से पहला टेस्ट मैच खेलना है। इस समय युवराज सिंह, गौतम गंभीर, रवि शास्त्री सहित सभी क्रिकेट दिग्गज उनकी ही बात कर रहे हैं। कई मौकों पर पंत ने खुद को साबित भी किया।

हालांकि विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलियाई सीरीज से ही पंत के लिए हालात बिगड़ते चले गए। कौशल के नाम पर पंत को लगातार मौके दिए जा रहे हैं। बात कौशल की ही है तो यह तो केरल के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन और बिहार के युवा बल्लेबाज इशान किशन भी कम नहीं है। ऐसे कई मौके रहे हैं जब पंत दबाव में बिखरे हैं। सच्चाई यह है कि पंत को अगर सफल होना होगा तो उनकी लड़ाई किसी और से नहीं खुद से है, क्योंकि पंत को दबाव में संभलने की कारीगरी सीखनी होगी। जैसा कि धौनी और युवराज सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ी अपने समय में करते आए हैं।

दबाव में बिखरते हैं पंत

ऐसा नहीं है कि पंत सिर्फ बल्लेबाजी में ही दबाव नहीं संभाल पाए हैं। विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर थी। पहले तीन वनडे खेलने के बाद धौनी दो आखिरी वनडे में नहीं खेले। मोहाली में 13 मार्च को हुए वनडे में मैदान पर मौजूद दर्शक धौनी-धौनी चिल्ला रहे थे। विकेटकीपिंग में पंत से अचानक कुछ गलतियां होने लगी। तब दर्शकों ने इसका फायदा उठाते हुए पंत की हूटिंग शुरू कर दी। पंत इतना दबाव में आ गए कि उन्होंने कई स्टंपिंग छोड़ीं। यह साफ बताता है कि इस युवा बल्लेबाज को दबाव संभालना नहीं आता है।

 

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