पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में बारिश का कहर जारी है। बारिश के कारण 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बारिश के चलते नदियों के जलस्तर में आंशिक वृद्धि हुई है। कटान के चलते गई गांव नदियों में समाने के कगार पर पहुंच गए हैं। पटरियां बैठ जाने से ट्रेनों का आवागमन बाधित हो गया है। पेड़ों और मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है।
जिलों में लगातार भ्रमण करें अफसर : मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के कई जिले भारी वर्षा और बाढ़ की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए किसी भी अधिकारी को छुट्टी न दी जाए। अधिकारी अपने जिलों में लगातार भ्रमण कर बाढ़ की निगरानी करते रहें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को जलभराव की स्थिति से तत्काल निपटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि किसी भी प्रकार की जनहानि या अन्य नुकसान होने पर प्रभावितों को तत्काल मुआवजा राशि दी जाए। राहत कार्य तेजी से किए जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री की कोई कमी न हो। योगी ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तुरंत बंदोबस्त करने के निर्देश दिए हैं। दो टूक कहा है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
घाघरा नदियां तटीय क्षेत्र में कटान
अवध क्षेत्र में बारिश में बारिश से मची तबाही लोगों पर भारी पड़ने लगी है। आंबेडकरनगर में रविवार को दंपती की मौत हो गई, जबकि अयोध्या में एक बुजुर्ग की जान चली गई। पांच लोग घायल भी हो गए। सीतापुर में शारदा व घाघरा नदियां तटीय क्षेत्र में कटान कर रही हैं। रामपुर मथुरा क्षेत्र में बागस्ती गांव के निकट घाघरा ने तटबंध काट दिया है। बहराइच में घाघरा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिपरी व तिकुरी गांव कटान के मुहाने पर हैं। सुलतानपुर में गोमती का जल स्तर बढ़ गया है।
मीरजापुर में हनुमान सागर बांध टूटा
गाजीपुर में कई कच्चे मकान गिर गए जिसके मलबे में दबकर दो लोगों की मौत हो गई और आधा दर्जन लोग घायल हो गए। आजमगढ़ में तीन और जौनपुर में दो लोगों की मौत हो गई। मीरजापुर में हनुमान सागर बांध शनिवार की देर रात टूट गया। जिससे करीब आठ सौ बीघे फसल की बर्बादी हुई। प्रतापगढ़ में गंगा और सई नदी में पानी बढऩे से घाट डूब गए हैैं। इसी के साथ बारिश ने भी सितम ढाया। घर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई,जबकि प्रयागराज में दो और कौशांबी में एक व्यक्ति की जान चली गई। तीन दिन हुई बारिश मुसीबत बनकर बरसी है।
पटरियां धंसी, ट्रेनें बाधित
वाराणसी-छपरा रेलखंड पर बलिया से बांसडीहरोड स्टेशन के मध्य दलदली जमीन पर शनिवार की रात अचानक पटरियों के नीचे से मिट्टी खिसकने से ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया। छपरा के यांत्रिक टीम ने मरम्मत कार्य शुरू कर दिया लेकिन बारिश के कारण काफी दिक्कत हो रही है। बारिश के चलते रेलवे ट्रैक के नीचे की जमीन पूरी तरह जगह-जगह से ट्रैक का साथ छोड़ना शुरू कर दिया। स्टेशन अधीक्षक संजय सिंह ने बताया कि देर रात तक परिचालन शुरू हो जाने की उम्मीद है।