शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा को गोरखनाथ मंदिर में भी पारंपरिक नवरात्र पूजा की शुरुआत हुई। पूजा के लिए यहां पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर पूरे विधि-विधान से शक्ति पीठ में कलश स्थापना की। करीब दो घंटे चली आनुष्ठानिक पूजा आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ संपन्न हुई।
कलश शोभा यात्रा निकली
इसके पहले मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में कलश शोभा यात्रा निकली, जिसमें मंदिर के सभी साधु-योगी ने भीम सरोवर की परिक्रमा की और कलश भरकर शक्ति मंदिर तक लाए। मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले मां भगवती, भगवान शिव और गुरु गोरक्षनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित किया। उसके बाद गौरी-गणेश की स्थापना की।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्थापित हुआ कलश
इसी क्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित किया गया और मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की गई। योगी ने शक्ति मंदिर में स्थापित अर्धनारीश्वर, भगवान राम-लक्ष्मण, माता सीता, पवन पुत्र हनुमान और भगवान कृष्ण की भी पूजा की।
शक्ति पीठ के बाहर 50 से अधिक की संख्या में मौजूद वेदपाठी बालकों के साथ दुर्गा सप्तशती के पाठ का शुभारंभ भी किया।
नौ दिन ब्रत रहेंगे सीएम
कलश स्थापना की पूजा मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी, डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, दिग्विजय शुक्ल, डॉ. रोहित मिश्र, पुरुषोत्तम चौबे आदि आचार्यों ने कराई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे नवरात्र व्रत रहेंगे।