महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर बुधवार से शुरू हो रहा विधानमंडल का विशेष सत्र बुधवार 11 बजे से शुरू होकर 36 घंटे तक चलेगा। यह पहला अवसर है जबकि किसी खास अवसर पर सदन की कार्यवाही लगातार इतने लंबे समय तक चलेगी। हालांकि विपक्ष ने इस सत्र के बहिष्कार का फैसला किया है। इससे पहले सत्र की तैयारियों के लिए मंगलवार को आहूत सर्वदलीय व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी विपक्षी नेता शामिल नहीं हुए।
समूचे विपक्ष द्वारा विशेष सत्र में भाग नहीं लेने के फैसले से बदले हालात पर रणनीति तैयार करने को सत्तापक्ष की बैठकें देर रात तक जारी रही। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना व मुख्य सचेतक वीरेंद्र सिंह सिरोही ने एजेंडा संशोधित किया। सिरोही ने बताया कि सत्र की शुरुआत में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोलेंगे। इसके बाद दल नेताओं को मौका मिलेगा, लेकिन केवल अपना दल (एस) के नेता ही सदन में मौजूद रहेंगे। उनके लिए बोलने की अवधि 15 मिनट से अधिक करने पर सहमति बनी। इस तरह विपक्षी दलों के सदस्य गैरहाजिर रहेंगे तो अन्य सदस्यों को अधिक समय मिलेगा।
सब मंत्रियों के विषय भी तय किए गए हैं। कैबिनेट मंत्रियों को 15-15 मिनट जबकि राज्यमंत्रियों को 10-10 मिनट मिलेगा। मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री समेत कुल 25 कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि नौ स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री हैं। उप मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्रियों को अब अधिक समय मिलेगा। संख्या घटने से विधायकों के समूह भी घट जाएंगे।
विधान परिषद में 34 सदस्यों के भरोसे चलेगा 36 घंटे का सत्र
विधानमंडल के विशेष सत्र के दौरान विधान परिषद में भी विपक्ष नदारद रहेगा। लिहाजा उच्च सदन में 36 घंटे का यह विशेष सत्र 34 सदस्यों के भरोसे चलेगा। उच्च सदन में सपा के 55, बसपा के आठ और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। कांग्रेस के सदस्य दिनेश प्रताप सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं और वह सदन में सत्ता पक्ष के बीच ही बैठते हैं। वहीं असंबद्ध सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में सदन की कार्यवाही में सत्ताधारी दल भाजपा के 21, अपना दल (एस) के एक, शिक्षक दल व निर्दलीय समूह के पांच-पांच, एक निर्दल सदस्य और दिनेश प्रताप सिंह ही हिस्सा लेंगे। सरकार के मंत्रियों को चूंकि विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही में हिस्सा लेना है, इसलिए वे आते-जाते रहेंगे। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने और संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित 16 सतत् विकास लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रभावी कदम उठाये जाने का प्रस्ताव रखेंगे।
क्या करेंगे विपक्षी दल
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के दलनेता व नेता विरोधीदल रामगोविंद चौधरी ने बताया कि सपा कार्यकर्ता गांधी जयंती पर उनके प्रिय भजन गाएंगे। कांग्रेस ने लखनऊ में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा करने का फैसला लिया। वहीं पहली बार उपचुनाव लड़ रही बसपा ने प्रचार को महत्व देते सत्र में शामिल न होने का निर्णय लिया है। कभी सरकार का हिस्सा रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी विशेष सत्र के बहिष्कार की घोषणा की है।