गांधी जयंती पर तेज रही सियासी हलचल में समाजवादी भी पीछे नहीं रहे। गांधी आश्रम पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह अपनी नाकामी छिपाने के लिए महापुरुषों को अपना रहे हैं। वहीं, विशेष सत्र से गैरहाजिरी पर तर्क दिया कि यदि सत्र वादे के मुताबिक 48 घंटे का ही होता तो सपा शामिल होती। भाजपा गांधी के सत्य और अहिंसा के विचारों को नहीं मानती तो फिर हम क्यों वहां जाएं?
गांधी आश्रम पहुंचने से पहले महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल हजरतगंज में आयोजित सपा के कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार को निशाने पर रखा। घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने पर सफाई देते हुए कहा कि गलती हमारी पार्टी कार्यालय की है, जिसे हमने स्वीकार किया है, जो फार्म दिया, उसमें दस्तखत नहीं थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और उसकी विचारधारा से जुड़े लोग कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर नहीं चले। कभी सत्य का रास्ता नहीं अपनाया। ऐसा दल जिसके लोग ङ्क्षहसा पर भरोसा करते हों, वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मना रहे हैं।
प्राथमिक शिक्षा में हुए नीचे से एक नंबर
अखिलेश ने शिक्षा व्यवस्था पर भी तंज कसा। कहा कि भाजपा ने कहा था कि प्राथमिक शिक्षा में उत्तर प्रदेश पूरे देश में नंबर एक आएगा। मुख्यमंत्री ने बात मानी, लेकिन प्राथमिक शिक्षा का स्थान नंबर एक नीचे से आया। प्रियंका गांधी के हजरतगंज गांधी प्रतिमा स्थल तक मार्च निकालने पर बोले कि यह तो अच्छा है कि सब लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के रास्ते पर चलें। उनके विचारों को अपनाएं और उन विचारों को अपने पॉलीटिकल एजेंडे में डालें। कार्यक्रम में अहमद हसन व निवर्तमान जिलाध्यक्ष अशोक यादव आदि मौजूद रहे।
निष्पक्षता के उदाहरण पेश करे चुनाव आयोग
अखिलेश ने कहा कि जिस दिन प्रशासन और चुनाव आयोग निष्पक्ष हो जाएगा, उसी दिन सपा और विपक्ष जीतने लगेगा। आजम खां का नाम लिए बिना कहा कि रामपुर में जिन अधिकारियों ने उन पर मुकदमे लगाए हैैं और भाजपा को चुनाव जिताने का संकल्प लिया है, उनकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। आज जब हम लोकतंत्र के जनक राष्ट्रपिता को याद कर रहे हैैं तो इंसाफ करके आयोग यह उदाहरण पेश करे कि वह वाकई निष्पक्ष है।