मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को रामलीला के मंच से निशाना साधते हुए कहा कि आज की कथित धर्मनिरपेक्ष राजनीति में अगर राम नाम लें तो लोगों को हाईवोल्टेज करेंट लगता है। उन्होंने इंडोनेशिया के रामलीला दल में शामिल सभी मुस्लिम कलाकारों का हवाला देते हुए कहा कि व्यक्ति पूजा पद्धति बदल सकता है, लेकिन पूर्वज नहीं बदले जाते।
राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला के मंच पर शुक्रवार रात मौजूद मुख्यमंत्री ने बताया कि इंडोनेशियाई दल में शामिल मुस्लिम कलाकारों से जब उन्होंने पूछा कि राम से आपका क्या संबंध तो कलाकारों ने जबाव दिया दिया कि इस्लाम हमारा मजहब और पूजा पद्धति है, लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं। वर्ष 2017 के बाद दूसरी बार शुक्रवार को ऐशबाग रामलीला में पहुंचे मुख्यमंत्री ने राम-लक्ष्मण की आरती उतारी और मंच पर किनारे बैठकर रामलीला भी देखी। कलाकारों के साथ उन्होंने ग्रुप फोटो खिंचाया और उन्हें सम्मानित भी किया। यहां भारी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राम के बिना भारतीय संस्कृति को अधूरी ठहराते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारी संस्कृति के प्रेरणास्रोत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाई-भाई के लिए राम-लक्ष्मण, मां-पुत्र के लिए कौशल्या-राम, पिता-पुत्र के लिए दशरथ-राम, पति-पत्नी के लिए सीता-राम, गुरु-शिष्य के लिए वशिष्ठ-राम और आदर्श राज्य व्यवस्था के लिए आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामराज्य में जातिवाद, मजहब और संप्रदायवाद नहीं, बल्कि ऐसे राज्य अवधारणा है जहां दुख, भेदभाव, अराजकता, अव्यवस्था, बेईमानी और भ्रष्टाचार की जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे जहां छोटे से ही राम को समझने लगते हैं, वहीं कोरिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देशों ने भी खुद को राम से जोड़ा है। ऐशबाग रामलीला में उन्होंने रामायण पर शोध की जरूरत बताई और सबको शारदीय नवरात्र व विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा व नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन भी थे।