यूपी विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पर बागी विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस ने थमाया नोटिस

 महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर आहूत उत्तर प्रदेश विधान मंडल के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस पार्टी में घमासान तेज हो गया है। बहिष्कार के बावजूद सदन की कार्यवाही में शामिल होने पर पार्टी की विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने अनुशासन तोड़ने का नोटिस भेजते हुए दो दिन में जवाब तलब किया है। उधर, रायबरेली में कांग्रेसियों ने अदिति का कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया।

शुक्रवार को दल नेता अजय कुमार लल्लू और उपनेता आराधना मिश्रा ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि दो अक्टूबर को विधायकों को व्हिप जारी कर सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी रायबरेली से पार्टी की विधायक अदिति सिंह ने सदन की कार्यवाही में न केवल हिस्सा लिया वरन सदन को संबोधित भी किया। यह अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि दो दिन में जवाब न मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। अदिति नैतिकता और अपने विचारों की बात करती हैं तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़ें, न कि पार्टी में रह कर अनुशासनहीनता करें। उनमें जरा भी नैतिकता है तो पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दें। इसके बाद भाजपा की गोद में बैठकर नैतिकता की लफ्फाजी करें।

अदिति समर्थकों और कांग्रेसियों में भिड़ंत

उधर रायबरेली में शुक्रवार दोपहर बाद पार्टी नेता और कार्यकर्ता नारे लिखीं तख्तियां लेकर कोतवाली रोड स्थित विधायक कार्यालय (जिसे कोठी भी बोला जाता है) के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठे। इसी बीच कोठी से अदिति समर्थक भी बाहर निकल आए। उनकी कांग्रेसियों से भिड़ंत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात नियंत्रित कर लिए। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष वीके शुक्ल ने कहा कि ऐसे मौका परस्तों को पार्टी से निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ कर गए एमएलसी के नक्शे कदम पर चलते हुए मौजूदा सदर विधायक कांग्रेस से विश्वासघात कर रहीं हैं।

कुछ अलग रास्ते पर कदम बढ़ाने की आहट

रायबरेली की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पार्टी के फैसले को नजरअंदाज कर सरकार द्वारा दो अक्टूबर से बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने पहुंच गईं थीं। इतना ही नहीं, पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा की पदयात्रा में न पहुंचकर अदिति सिंह ने तमाम कयासों को रास्ता दे दिया है। कांग्रेस की युवा विधायक के यह तेवर निकट भविष्य में ही कुछ अलग रास्ते पर कदम बढ़ाने की आहट दे रहे हैं। चर्चाओं को बल इसलिए भी मिला है, क्योंकि गांधी जयंती पर प्रियंका वाड्रा योगी सरकार के खिलाफ मौन पदयात्रा निकालने के लिए राजधानी आईं। उनके साथ प्रदेश भर के कार्यकर्ता थे, लेकिन अदिति सिंह कार्यक्रम में नहीं पहुंचीं।

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने सत्र बहिष्कार की खुली घोषणा की थी। इसके बावजूद रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह सत्र में शामिल होने पहुंच गईं। उन्होंने चर्चा में भी भाग लिया। सदन से निकलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने दो टूक कहा था कि जनता ने मुझे विकास के लिए विधायक चुना है। मैंने सदन में विकास को लेकर ही चर्चा की। पार्टी लाइन के संबंध में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि जो मेरे पिता ने सिखाया है और जो मुझे सही लगा, वही मैंने किया। इससे पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था। अदिति सिंह का कहना था कि पार्टी मेरे निर्णय को किसी भी रूप में ले। पार्टी जो भी निर्णय लेगी, मुझे स्वीकार होगा।

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