यौन शोषण तथा दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के साथ ही उन पर आरोप लगाने वाली छात्रा की रिमांड मामले की जांच कर रही एसआइटी को मिल गई था। इस केस में एसआइटी ने शुक्रवार को रिमांड के लिए आवेदन किया था।
शाहजहांपुर को सुर्खियों में लाने वाला स्वामी चिन्मयानंद केस दिन पर दिन नया मोड़ ले रहा है। चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाने वाली छात्रा फिरौती मांगने के मामले में फंस गई। पांच करोड़ रुपया फिरौती मांगने के आरोप अपने तीन दोस्तों के साथ शाहजहांपुर जिला जेल में बंद छात्रा की भी रिमांड एसआइटी को मिली है।
सीजेएम कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद, छात्रा और उसके तीनों युवकों की रिमांड एसआईटी को दी है। अब एसआइटी इन सभी को लेकर लखनऊ आएगी। लखनऊ के विधि विज्ञान प्रयोगशाला में इन सभी के वीडियो की आवाज का लैब में मिलान किया जाएगा। इसके बाद जांच में लगी एसआइटी की टीम अपने अभियान को आगे बढाएगी।
शुक्रवार को कोर्ट में बहस के दौरान तीनों पक्षों के वकीलों ने विशेष जांच दल (एसआइटी) को रिमांड देने का विरोध किया। इस पर जज ने फैसला सुरक्षित कर दिया। एसआइटी ने मुख्य दंडाधिकारी कोर्ट में गुरुवार को प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें दुष्कर्म व रंगदारी के मामलों की जांच में दुष्कर्म के आरोपित चिन्मयानंद, रंगदारी की आरोपित छात्रा और संजय, विक्रम, सचिन की रिमांड मांगी थी।
ताकि दोनों मामलों में वायरल हो रहे वीडियो व उन पांचों की आवाज का सैंपल लेकर लैब में मिलान कराया जा सके। इस पर शुक्रवार दोपहर को बहस हुई थी। तीनों पक्षों के वकीलों ने रिमांड दिए जाने का विरोध किया था। इसको लेकर अपने तर्क भी रखे थे। जिसके बाद मुख्य दंडाधिकारी ओमवीर सिंह ने शनिवार तक रिमांड देने पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।