धर्म, संस्कृति और आध्यात्म की राजधानी काशी में इन दिनों नवरात्र आराधना का पर्व दुर्गापूजा की धूम है। इस पर्व पर दुर्गा पंडालों की भी अनोखी थीम पूरे काशी ही नहीं बल्कि देशभर में वायरल हो रही तस्वीरों ने काशी के इस अनोखे पक्ष को भी दुनिया के सामने रखा है। काशी की सदियों से जारी परंपरा में प्रतिवर्ष अनोखे थीम पर पंडालों का निर्माण होता रहा है। इस बार इसरो की ओर से चंद्रमा पर भेजे गए यान चंद्रयान-दाे की थीम पर आधारित दो विशेष पंडालों का निर्माण किया गया है। वहीं पंडाल के भीतर भी अंतरिक्ष और इसरो की तस्वीरें लोगों को भारत के वैज्ञानिकों के सफलता की कहानी कह रही हैं।
सप्तमी पर नवरात्र में सभी प्रमुख दुर्गा पंडालों में दर्शन पूजन का दौर शुरू हो चुका है और इसी के साथ ही नवरात्र की रौनक भी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अमूमन सभी दुर्गा पंडाल अलग और अनोखी थीम पर बनाए गए हैं। मगर अर्दली बाजार और जैतपुरा में बागेश्वरी देवी मंदिर के पास बने दुर्गा पंडाल अपनी भव्यता के साथ ही चंद्रयान दो के इसरो के मॉडल पर भव्यता के साथ बनाए गए हैं। वहीं इसरो प्रमुख के. सिवन भी देवी दुर्गा के साथ देवी देवताओं की कतार में स्थापित कर इसरो के वैज्ञानिकों को भी काशी ने नमन किया है। वहीं पंडाल के भीतर का माहौल भी अंतरिक्ष और इसरो के आधार पर निर्मित कर भारतीय वैज्ञानियों की मेधा को सराहा है। पंडाल के अंदर आने वाले दिनों में अंतरिक्ष में मानव युक्त अंतरिक्ष यात्रियों को भेजे जाने की तैयारी को भी शामिल किया गया है।
दोनों ही प्रमुख पंडालों में लगी तस्वीरों और मॉडल की इन दिनों देश दुनिया में सराहना हो रही है। जबकि पंडाल के भीतर की तस्वीरों में इसरो के वैज्ञानियों की छवि ने माहौल को अंतरिक्षमय बना रखा है। वहीं दूसरी ओर पंडाल के साथ और पंडाल के भीतर की तस्वीरें भी खूब वायरल हो रही हैं। दुर्गा पूजा कमेटी के संचालकों के अनुसार इस तरह के मॉडल बनाकर देश में इसरो के वैज्ञानिकों को नमन किया गया है। आगे भी देश का नामन रोशन करने वालों की थीम पर भी ऐसा प्रयोग किया जाएगा। वहीं दूसरे कई अन्य पंडाल भी देश भर के प्रमुख मंदिरों के थीम पर बनाए गए हैं जाे काफी चर्चा में बने हुए हैं।