Haryana Assembly elections: खट्टी-मीठी है बादल व चौटाला परिवार की राजनीतिक केमिस्ट्री, रिश्तों में छिपी जीत की आस

राजनीति में कभी भी और कुछ भी संभव है। हरियाणा की राजनीति में ऐसा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के रिश्तों को देखकर तो कमोबेश यही कहा जा सकता है। एसवाईएल नहर निर्माण के मसले पर जिस अकाली दल और इनेलो की राजनीतिक राहें जुदा हो गई थी, उन्हीं दोनों दलों ने अब भाजपा और कांग्रेस को मात देने की मंशा से एक बार फिर हाथ मिला लिए हैं।

हरियाणा की राजनीति में अकालियों और चौटाला परिवार की दोस्ती कोई भी गुल खिलाने का माद्दा रखती है। दोनों परिवारों के बीच पुराने राजनीतिक संबंध हैं। दोनों परिवार एक-दूसरे के निजी सुख-दुख में भी बरसों से शामिल होते आए हैं। चौटाला परिवार के बीच जब राजनीतिक बिखराव हुआ था, तब सबसे ज्यादा दुख प्रकाश सिंह बादल को ही हुआ था। ओमप्रकाश चौटाला की पत्नी स्नेहलता की रस्म पगड़ी पर बकायदा प्रकाश सिंह बादल ने चौटाला परिवार में एकजुटता की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उनके और खाप पंचायतों के लाख प्रयासों के बावजूद ऐसा हो तो नहीं सका, लेकिन बादल परिवार खुद चौटाला के साथ खड़ा नजर आ गया है।

हरियाणा में इनेलो ने 83 और अकाली दल ने तीन विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। चार विधानसभा सीटें महम, करनाल, अंबाला शहर और सिरसा को छोड़ दिया गया है। हालांकि इन चारों सीटों पर इनेलो द्वारा प्रत्याशी नहीं उतारे जाने की अलग-अलग वजह बताई जा रही हैं, लेकिन महम में अभय सिंह चौटाला भाजपा के बागी बलराज कुंडू को समर्थन देंगे। सिरसा में भी भाजपा के बागी गोकुल सेतिया को चौटाला परिवार का आशीर्वाद मिल गया है। करनाल में पार्टी प्रत्याशी का फार्म नहीं भर पाने को चुनाव न लड़ने का आधार बनाया जा रहा है, जबकि यही स्थिति अंबाला शहर की है।

दरअसल, अंबाला शहर की सीट इनेलो ने अकाली दल को दे दी थी, मगर ऐन वक्त पर अकाली दल ने इससे इंकार कर दिया, इसलिए जब तक इनेलो ने नया प्रत्याशी तय किया, तब तक काफी देर हो चुकी थी। अकाली दल के खाते में रतिया, कालांवाली और गुहला चीका सीटें आई हैं, जिन पर प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल ने अपनी पसंद के प्रत्याशी उतारे हैं।

आधा दर्जन सीटों पर फोकस

इनेलो ने हालांकि 83 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को एकजुट करने की कोशिश की है, लेकिन अभय सिंह चौटाला का पूरा फोकस आधा दर्जन सीटों पर रहने वाला है। अभय सिंह चौटाला खुद ऐलनाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके समधी दिलबाग सिंह को यमुनानगर से चुनावी रण में उतारा गया है। डॉ. सीता राम को डबवाली से टिकट दिया गया है। सीता राम और उनके पिता डबवाली तथा कालांवाली से कई बार विधायक बनते आ रहे हैं।

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