‘जिस शख्स ने मेरी आबरू लूटी, मैं उसकी बीवी बन जाऊं … यह कैसा न्याय है? मेरी मां दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता गईं। फर्जी निकाहनामा पर फतवा मांगा, नहीं मिला। मैं डीआइजी से मिली, फिर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने हमसे कहा कि दरगाह से फतवा ले आओ तो मुकदमा दर्ज करा देंगे। आरोपितों का खौफ था, जिस कारण कॉलेज जाना छोड़ दिया। ’ ये शब्द, धर्म-समाज और कानून के दायरे में न्याय और सम्मान पाने के लिए भटक रही दुष्कर्म पीड़िता के हैं। वह बोली, जिसने मेरे साथ दुष्कर्म किया अब वह फर्जी निकाहनामा लेकर घूम रहा। कह रहा कि उसने मुझसे निकाह कर लिया है। मैंने निकाहनामा की कॉपी देखी है, जिस पर मेरे दस्तख्त तक नहीं है। मैं नर्सिग की पढ़ाई कर रही हूं, वह फर्जी निकाहनामा लोगों को दिखाकर मुङो बदनाम करने में लगा है।
मां ने मांगा फतवा, मुफ्ती का इन्कार
फर्जी निकाहनामा बनाए जाने से समाज में बदनामी होने लगी तो पीड़िता की मां सितंबर के दूसरे सप्ताह में दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजरे इस्लाम स्थित दारुल इफ्ता पहुंचीं। फतवा मांगा कि किसी लड़की के बिना मर्जी निकाह का दावा किया जाए तो क्या यह निकाह वैध है। जिसके बाद उलमा ने निकाह के गवाहों को बुलाया, सबके बयान अलग निकले। लड़की की मां के मुताबिक, उन्होंने कुबूला कि निकाहनामा फर्जी है। 5 अक्टूबर को दरगाह की ओर से पीड़ित व आरोपित पक्ष को बुलाया गया। पीड़िता की मां का कहना है मुङो फतवा नहीं दिया, बल्कि यह कह दिया गया कि कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने से बदनामी होगी, इसलिए समझौता कर लो। मैं चाहती हूं कि फर्जी निकाहनामा बनाने वाले मौलाना को भी सजा मिले। हालांकि दारुल इफ्ता के मुफ्ती मुहम्मद कफील हाशमी कह चुके हैं कि गवाहों को सुनने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि इनका निकाह हो चुका है। यह अलग है कि लड़की अब इससे इन्कार कर रही।
घटनास्थल की जांच, मुकदमा नहीं
पीड़िता की मां के मुताबिक, आरोपित ने 21 सितंबर को आरोपित उनकी बेटी को रास्ते से अगवा कर ले गए थे। बाद में धमकी देकर छोड़ दिया। बारादरी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पिछले सप्ताह डीआइजी डीआइजी राजेश पांडेय से भी शिकायत की मगर, मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
ट्वीट किया तो हुए जांच के आदेश
लड़की बोली, पूरे घटनाक्रम की जानकारी उप्र पुलिस के ट्विटर हैंडल पर की तो वहां से बरेली पुलिस को जांच का आदेश दिया। बरेली पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर ही शिकायतकर्ता से पीड़िता का नाम, पता और क्षेत्र के बारे में पूछा। जबकि किसी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान जाहिर करना कानूनन अपराध है। मजबूरन पीड़िता ने जवाब नहीं दिया।
पीलीभीत जिले का यह है मामला
पीड़िता पीलीभीत जिले की है। दो साल पहले पड़ोस में रहने वाले युवक ने उससे दुष्कर्म किया। मुकदमा दर्ज हुआ तो आरोपित एक साल जेल में रहा। जमानत पर छूटकर आया तो फर्जी निकाहनामा बनाकर लोगों से कहने लगा कि उसने मुझसे निकाह कर लिया है। निकाहनामा पर 29 मार्च 2018 तारीख पड़ी है। आरोपित ने इसे कोर्ट में दाखिल कर दिया। इसी साल अगस्त में पीड़िता को इस बारे में पता चला।
युवती मुझसे मिली हैं। सीओ को निर्देशित किया जा चुका है कि घटना का संज्ञान लें और मामले की जांच कर कार्रवाई करें। – राजेश पांडेय, डीआइजी