पुष्पेंद्र मुठभेड़ कांड को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने झांसी दौरे से एक तीर से कई निशाने साधने का भी प्रयास किया। फर्जी मुठभेड़ों को लेकर घिरती जा रही योगी सरकार पर हमला करने के साथ मूल वोटबैंक (यादवों) की एकजुटता बनाए रखने की कोशिश की। मिशन 2022 को ध्यान में रखकर सरकार विरोधी मुहिम मेंअन्य दलों से बढ़त बनाए रखने का संदेश भी दिया।
झांसी मुठभेड़ कांड को लेकर सपा ने गर्म लोहे पर चोट की है। पुष्पेंद्र यादव का आपराधिक इतिहास लंबा-चौड़ा नहीं है इसलिए अखिलेश मुद्दे को गर्माने में किसी हद तक कामयाब दिख रहे हैं। अखिलेश के दौरे को देख सरकार को भी बचाव में अपना पक्ष प्रस्तुत करना पड़ रहा है। समाजवादी चिंतक गोपाल अग्रवाल का मानना है कि इस कांड पर आक्रामक होकर अखिलेश ने फर्जी पुलिस मुठभेड़ से पीड़ित परिवारों की सहानुभूति भी बटोरी है। जिस तरह से पुलिस की मनमानी बढ़ती जा रही है, उसका विपक्ष से तगड़ा प्रतिरोध नहीं किया जा रहा था। सपा के सामने आ जाने से सरकार विरोधी माहौल तैयार होना भी आरंभ होगा।
लोकसभा चुनाव से मिला सबक
लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करने के बाद भी यादव बहुल क्षेत्रों में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने से सबक सीखी समाजवादी पार्टी ने मूल वोटबैंक साधने का काम प्राथमिकता से करना आरंभ किया। गठबंधन टूटने के बाद बसपा प्रमुख मायावती की यादव वोट भी नहीं मिल पाने की टिप्पणी से सतर्क सपा ने नाराज यादव नेताओं को जोड़ने का अभियान भी छेड़ दिया है। सूत्रों का कहना है कि एक खेमा यादव परिवार में एकता बनाने की कोशिशों में जुटा है। वरिष्ठ नेता अबु आजमी समेत कई अल्पसंख्यक नेता यादव परिवार में एकजुटता कराने में लगे है। उनका कहना है कि यादवों में एका रहेगा तो एम-वाई समीकरण (मुस्लिम-यादव) फिर परवान चढ़ सकेगा। ये कोशिशें कब और कितना रंग लाएगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा परंतु शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व वाली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के पैंतरे सपाइयों की बेचैनी बढ़ाए है। अखिलेश के झांसी दौरे से एक दिन पूर्व शिवपाल के पुत्र आदित्य यादव व अन्य नेताओं ने भी पुष्पेंद्र के घर जाकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की थी।
पुलिस ने पुष्पेंद्र की हत्या की : अखिलेश
झांसी में पुष्पेंद्र यादव की पुलिस मुठभेड़ में मौत को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुष्पेंद्र यादव के घर जाकर इस प्रकरण को और तूल दे दिया। उन्होंने पुष्पेंद्र के गांव करगुवां खुर्द में परिजनों को ढाढ़स बंधाने के साथ ही पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए और पूरे प्रकरण की जांच हाइकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की। पुष्पेंद्र के गांव में परिजनों से बातचीत के बाद अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि यह मुठभेड़ नहीं, पुलिस द्वारा की गई हत्या है। परिजन भी पुलिस की कहानी से सन्तुष्ट नहीं हैं। अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी नहीं मिली। उन्होंने मांग की कि जिसने भी ऐसा किया है, उसके विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।