उत्तर प्रदेश की राज्यसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पार्टी के उम्मीदवार सुधांशु त्रिवेदी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। यह सीट पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की निधन के बाद खाली हुई थी। सुधांशु ने राज्यसभा की सीट के लिए शुक्रवार को अंतिम दिन नामांकनपत्र जमा कराया था। यूपी की इस रिक्त सीट पर हुए उपचुनाव में किसी अन्य पार्टी ने अपनी दावेदारी नहीं की थी, जिसके चलते सुधांशु त्रिवेदी की जीत पहले से तय मानी जा रही थी।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली से जुड़ाव होने के कारण यह सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी धारक सुधांशु त्रिवेदी को सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री का सूचना सलाहकार होने और भाजपा अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार होने का श्रेय भी है। लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले सुधांशु को राज्यसभा में भेजने का फैसला लेकर भाजपा नेतृत्व ने उनको ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उभारने का संकेत भी दिया है, वहीं संगठन को भी महत्व दिया है। सुधांशु त्रिवेदी लंबे समय से संगठन के लिए कार्य कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब वह उनके करीब आये और उनके अध्यक्ष बनने पर बतौर सलाहकार उनकी भूमिका चर्चा में रही। सुधांशु ने बाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रभावित किया। राज्यसभा की इस सीट के लिए प्रदेश के कई दिग्गज कतार में थे लेकिन सुधांशु ने सबको पीछे छोड़ते हुए केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा हासिल किया है।