उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार पटरी पर लाने में लगे हैं। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पहचान पीसीएस परीक्षाओं से रही है। पिछले वर्षों में इस अहम परीक्षा में जिस तरह से विवाद और रिजल्ट में ऐसी विसंगतियां सामने आईं कि परीक्षाओं का शेड्यूल ही बिगड़ गया था। अब इसको दुरुस्त करने का प्रयास हो रहा है।
आयोग के अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार ने परीक्षा कैलेंडर जारी करने में पहले इसका ध्यान रखा और अब परीक्षाओं को पटरी पर ला दिया है। इससे अब अगले वर्ष से परीक्षाएं उसी वर्ष पूरी हो सकेंगी, जिस वर्ष उनका विज्ञापन घोषित होगा।
यूपीपीएससी अब जल्द ही पीसीएस 2019 के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने जा रहा है, इसका कार्यक्रम दीपावली तक जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद 15 दिसंबर को 2019 की प्रारंभिक परीक्षा होनी है, फिर अगले वर्ष मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार कराकर रिजल्ट जारी होगा। उसी के साथ पीसीएस 2020 की परीक्षा भी होगी। 2020 की परीक्षा से पीसीएस परीक्षा पटरी पर आ जाएगी। इसी के साथ ही तय समय पर रिजल्ट भी जारी होते रहेंगे, इसका ध्यान अन्य परीक्षाओं में भी रखा जाएगा।
पटरी पर आ जाएगी पीसीएस परीक्षा
अध्यक्ष उप्र लोकसेवा आयोग, डा. प्रभात कुमार ने कहा कि पीसीएस 2020 की परीक्षा से परीक्षाएं पूरी तरह से पटरी पर आ जाएंगी। निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ सही समय से परीक्षाएं और नतीजे सुनिश्चित करने के लिए आयोग सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा।
पुराने पैटर्न की अंतिम परीक्षा पूरी, प्री व मेंस दोनों में रहा विवाद
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा के आठ दिन पहले पुराने पैटर्न की परीक्षा पूरी करके इतिहास रच दिया है। जब सात सितंबर को 2017 पीसीएस साक्षात्कार का कार्यक्रम जारी हुआ था, उस समय भी प्रतियोगियों को यह उम्मीद नहीं थी कि आयोग यह साक्षात्कार पूरा कराकर 2018 मेंस के पहले रिजल्ट दे देगा।
एक तरह से पीसीएस 2017 मुख्य परीक्षा को पूरा कराना एक युग का समापन भी है, क्योंकि पुराने पैटर्न की यह अंतिम परीक्षा रही है। ज्ञात हो कि आयोग ने पीसीएस 2018 से मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम और पैटर्न बदलते हुए इसे संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की तरह कर दिया है। नए पैटर्न की परीक्षा 18 अक्टूबर से शुरू होनी है, जो सिर्फ चार दिन में ही पूरी हो जाएगी। एक खास बात और पीसीएस 2017 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों में ही विवाद रहा है। प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर उठा विवाद हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने 30 मार्च 2018 को प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न को हटाने और दो प्रश्नों के उत्तर को बदलते हुए प्री का संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। हालांकि आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। वहां से मिली राहत के बाद मुख्य परीक्षा कराई गई।
वहीं, मुख्य परीक्षा के दौरान पेपर का बंडल बदलने को लेकर विवाद हुआ था। परीक्षा के दूसरे दिन यानी 19 जून 2018 को प्रयागराज के एक केंद्र पर दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा के पेपर का बंडल पहली पाली की परीक्षा के दौरान खुल गया था, जिसे लेकर परीक्षार्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार करते हुए आयोग दफ्तर के सामने जमकर हंगामा किया था। आयोग ने इस दिन हुई अनिवार्य विषय ङ्क्षहदी और निबंध की परीक्षा निरस्त कर सात जुलाई को परीक्षा आयोजित की थी।