इस्लामाबाद, एएनआइ। विजयदशमी (8, oct) के मौके पर फ्रांस ने भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान सौंपा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस पहले राफेल को लेने खुद फ्रांस पहुंचे। इस दौरान लड़ाकू विमान को हासिल कर राजनाथ सिंह ने इसकी शस्त्र पूजा की और उसके बाद फ्रांस की कंपनी दसौ से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल पर ‘ऊं’ भी लिखा। इसके अलावां राफेल विमान के पहियों के नीचे नीबू भी रखा। हालांकि, उस समय राजनाथ सिंह को यह मालूम नहीं था, उनकी इस पूजा से भारत में कई सवाल खड़े हो जाएंगे। विपक्षी पार्टी के लोगों ने पूजा को ड्रामा बताया, लेकिन अब पाकिस्तान की तरफ से राजनाथ सिंह का साथ दिया गया है।
भारत सरकार के खिलाफ हर रोज एक नए एजेंडे को चलाने वाली पाकिस्तान सेना ने राफेल की शस्त्र पूजा पर राजनाथ सिंह का बचाव किया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने गुरुवार को सिंह का बचाव करते हुए कहा कि राफेल पूजा में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह धर्म के अनुसार है।
आसिफ गफूर ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘राफेल पूजा में कुछ भी गलत नहीं हैं क्योंकि यह धर्म के अनुसार है। कृपया, याद रखें… यह अकेली मशीन नहीं जो मायने रखती है असल में उस मशीन को संभालने वाले व्यक्ति की क्षमता, जुनून और संकल्प मायने रखता है। हमें हमारे पीएएफ शहीदों पर गर्व हैं।’
पाकिस्तान की तरफ से यह बयान उस समय आया, जब दोनों मुल्कों के बीच तनाव अपने चरम पर है। भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से Article 370 को हटाए जाने के बाद विशेष दर्जे वापल ले लिया था। इसके बाद पाकिस्तान में रोष का माहौल है और वह दुनिया के सभी मंच पर कश्मीर मुद्दे को उठा चुका है, परंतु उसे कुछ हासिल नहीं हुआ।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड्गे और संदीप दीक्षित ने फ्रांस में राफेल को रिसीव करने के क्रम में राजनाथ सिंह पर हमला बोला था। दोनों नेताओं ने विजयदशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री द्वारा फ्रांस में राफेल की शस्त्र पूजा करने को तमाशा करार दिया गया था। खड़गे ने कहा था कि इस तरह का ड्रामा करने की जरूरत नहीं।
वहीं, संदीप दीक्षित ने राफेल को रिसीव करने के क्रम में राफेल के आगे नींबू रखना, इसपर टीका लगाना आदि को ड्रामा बताते हुए उन्होंने कहा, ‘इस सरकार के साथ सबसे बड़ी समस्या यही है कि बिना कोई ठोस काम किए ये दिखावा करने में आगे होते हैं।