प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी 88 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने 21 वीं सदी के सक्षम और समर्थ भारत का सपना देखा और इस दिशा में अपना विशेष योगदान दिया। उनका आदर्श जीवन हमेशा देशवासियों को प्रेरित करेगा’। इसके साथ ही पीएम मोदी ने लिखा कि भारत डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी की जयंती पर उनको सलाम करता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कलाम को याद किया, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वह लोगों के राष्ट्रपति थे, जो भारत के लोगों के दिलों और दिमागों में बसे रहेंगे। मैं उनकी जयंती पर उन्हें नमन करता हूं।’
अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल ने 2002 से पांच साल तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों का समर्थन उन्होंने प्राप्त किया। 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे कलाम देश के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों में शामिल थे, जिससे उन्हें ‘भारत का मिसाइल मैन’ के रूप में सम्मान मिला।
एपीजे अब्दुल कलाम ने राष्ट्रपति बनने से पहले मुख्य रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक के रूप में काम किया था। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के सत्ता में आने के कुछ समय बाद 1998 में भारत के पोखरण -2 परमाणु परीक्षणों में तकनीकी और राजनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यकाल के बाद, एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के जीवन में लौट आए। उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। कलाम 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग के छात्रों को लेक्चर दे रहे थे, इस दौरान उन्हें हार्ट अटैक आ गया, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।