अयोध्या राम जन्मभूमि के जिस मुकदमें पर पूरे देश की निगाह है, उसकी सुनवाई बुधवार को ही पूरी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से पक्षकारों को पक्ष रखने के लिए मंगलवार को बांटे गए समय से इस बात का संकेत मिलता है। सोमवार को भी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चर्चा के दौरान सुनवाई बुधवार को पूरी कर लेने के संकेत दिये थे। हालांकि कोर्ट ने पहले 18 अक्टूबर और बाद मे 17 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लिए जाने की बात कही थी।
मुख्य न्यायाधीश ने किया स्पष्ट
बुधवार को सुनवाई पूरी होने का संकेत सुबह सुनवाई शुरू होते ही मिला था। जब कुछ वकीलों ने कोर्ट से उन्हे भी पक्ष रखने का समय देने की गुहार लगाई तो मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अभी सुनवाई चल रही है और अभी वह किसी को भी समय दिये जाने का भरोसा नहीं दे रहे, वह कल इस सुनवाई को पूरा कर लेंगे। इसके बाद सुनवाई के दौरान एक बार फिर कोर्ट ने कहा कि आज (मंगलवार ) को सुनवाई का 39 वां दिन है और कल 40वां दिन होगा। कल सुनवाई पूरी हो जाएगी।
हिन्दू पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील के परासरन ने रख पक्ष
शुरुआती चर्चा के बाद दिन भर सुनवाई चली हिन्दू पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील के परासरन ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुकदमें का विरोध करते हुए पक्ष रखा परासरन के बहस पूरी करने के बाद हिन्दू पक्ष से ही जब वकील सीएस वैद्यनाथन बहस के लिए खड़े हुए तो कोर्ट ने पूछा कि उन्हें बहस पूरी करने में कितना समय लगेगा। वैद्यनाथन ने कहा कि दो घंटे। तब शाम के चार बज रहे थे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें इतना वक्त नहीं दिया जा सकता। वे एक घंटे में अपनी बहस पूरी करें। कोर्ट सवा चार से सवा पांच तक उन्हें सुनेगी। वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने तीन लिखित नोट दिये हैं जिनका उन्हें जवाब देना है। उन्हें बुधवार को सिर्फ 60 मिनट और दे दें, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें पता है कि कौन इसका कितना इसका पालन करता है।