जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दक्षिण एशिया में संभावित परमाणु युद्ध संबंधी बयान के कुछ दिनों बाद, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को छुपाने के लिए देशों द्वारा ‘परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने’ के खतरों को लेकर चेताया है।
परमाणु हथियारों की धमकी का कुछ देश कर रहे इस्तेमाल
निरस्त्रीकरण सम्मेलन (सीडी) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पंकज शर्मा ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा हालात लगातार बदल रहे हैं। एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति होने के नाते भारत का परमाणु सिद्धांत इन हथियारों का पहले प्रयोग नहीं करने और परमाणु हथियार रहित देशों के खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं करने का है। उन्होंने कहा, ‘..कुछ ऐतिहासिक निरस्त्रीकरण संधियों एवं समझौतों के समाप्त होने और सीमा पार आतंकवाद को छुपाने के लिए देशों द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी देने से पैदा होने वाले खतरों और परमाणु सीमा के कम होने की चिंता है।’
इमरान के भाषण का भारत ने दिया कड़ा जवाब
बता दें कि पिछले महीने इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में पहली बार भाषण दिया और 50 मिनट के अपने संबोधन में उन्होंने आधा समय भारत और कश्मीर पर ही बात की। इमरान खान ने अपने भाषण में कहा कि जब दो परमाणु सशस्त्र देश लड़ेंगे तो पूरी दुनिया के लिए इसके लिए पूरी दुनिया और संयुक्त राष्ट्र जिम्मेदार होंगे। इमरान के इस बयान की काफी निंदा हुई थी। भारत ने इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा था कि परमाणु विध्वंस की धमकी अस्थिरता का सूचक है, न कि शासन कला की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि इमरान खान यूएनजीए में उत्तेजक और गैरजिम्मेदाराना बयानों का इस्तेमाल किया। मुझे लगता है कि वह नहीं जानते कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों का संचालन कैसे किया जाता है। सबसे गंभीर बात यह है कि उन्होंने भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की बात कही, जो सामान्य बात नहीं है।’
2006 में भारत ने परमाणु हथियारों को पूर्णत: नष्ट करने की अपील की
भारत ने 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में जमा कराए गए परमाणु निरस्त्रीकरण कार्य पत्र की रूपरेखा के अनुसार चरणबद्ध तरीके से परमाणु हथियारों को पूर्णत: नष्ट करने की भी अपील की। उन्होंने विश्र्व के विभिन्न हिस्सों में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के हालिया वर्षों में सामने आए त्रासदीपूर्ण मामलों के मद्देनजर रासायनिक हथियार संधि के पूर्ण एवं प्रभावी क्रियान्वयन की महत्ता पर भी बल दिया।
भारत और पाक के बीच परमाणु युद्ध होने पर मारे जाएंगे 12 करोड़ से ज्यादा लोग
एक अध्ययन के अनुसार, अगर भारत और पाक के बीच परमाणु युद्ध होता है तो 50 से 125 मिलियन(12 करोड़ से ज्यादा) से अधिक लोग जान गंवा बैठेंगे। यह आंकड़ा 6 साल तक चले द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए लोगों से भी काफी ज्यादा है। परमाणु युद्ध के बाद वैश्विक व्यापक भूखमरी फैल सकती है। इस बारे में जानकारी देते हुए अमेरिका में रटगर्स यूनिवर्सिटी-न्यू ब्रंसविक के सह-लेखक एलन रोबॉक ने कहा कि इस तरह के युद्ध से न केवल उन स्थानों को खतरा होगा, जहां बमों को निशाना बनाया जा सकता है, बल्कि पूरी दुनिया को भी इससे नुकसान होने वाला हैं। जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले युद्ध होने की संभावना जताई गई है।