करवाचौथ भारतीय हिन्दू नारी का पवित्र भावना का प्रतीक है। करवाचौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता हैै। यह पर्व सुहागिन स्त्रियां मनाती है यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब चार बजे के बाद शुरू होकर रात चंद्रमा दर्शन के बाद संम्पूर्ण होता है। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियां करवाचौथ का व्रत श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती है।शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए।पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचंद्र श्री गणेश जी की अर्चना की जाती है करवाचौथ में भी संकष्टीष्गणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अर्घ देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सव ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती है लेकिन अधिकतर स्त्रियां निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती है। यह व्रत स्त्रियां अपने पति की सौभाग्य व दीर्घायु के लिए रखती है।
ब्लाॅक रिपोर्टर
शिवम कुमार
बदायूं