हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए डीजीपी ओपी सिंह ने एसआइटी का गठन किया है। आइजी लखनऊ एसके भगत के नेतृत्व में गठित एसआइटी में एएसपी क्राइम लखनऊ दिनेश पुरी व एसटीएफ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दुस्साहसिक वारदात को बेहद गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार रात अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और डीजीपी ओपी सिंह को तलब कर लिया। योगी ने घटना की पूरी जानकारी ली और पूरे प्रकरण की रिपोर्ट 24 घंटे में तलब की है। हत्याकांड के राजफाश के लिए कड़े निर्देश भी दिए हैं। साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीजीपी और जिलाधिकारी से पूरी जानकारी ली। राजनाथ सिंह ने अधिकारियों से घटना की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
डीजीपी का कहना है कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच के निर्देश दिये गए हैं। डीजीपी ने बताया कि घटना के विभिन्न पहलुओं पर जांच के लिए तीन टीमें गुजरात, बिजनौर व बहराइच भेजी गई हैं। गुजरात गई पुलिस टीम गुजरात एटीएस की ओर से आइएसआइएस के दो आतंकियों के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट के तथ्यों को देखेगी। गुजरात के डीजीपी व एटीएस के अधिकारियों से भी यूपी पुलिस लगातार संपर्क में है।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले किये जा रहे चिह्नित
कमलेश हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के संदेश भी लगातार वायरल हो रहे हैं। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली आपत्तिजनक टिप्पणियां भी की जा रही हैं। डीजीपी ने लोगों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं अफवाहों के झांसी पर ध्यान न देने की अपील की है। डीजीपी का कहना है कि सौहार्द बिगाडऩे व अफवाहें फैलाने वाले मैसेज वायरल करने वालों को एसटीएफ चिह्नित कर रही है। ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई होगी।
आतंकी संगठनों के थे निशाने पर
आतंकी संगठनों के निशाने पर रहे हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को उनके लखनऊ में खुर्शेदबाग स्थित आवास में दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने उनके चेहरे में गोली भी मारी। साफ है कि हत्यारे यह तय करना चाहते थे कि किसी तरह कमलेश की जान न बचे। हत्यारे वारदात के बाद गणेशगंज की ओर पैदल ही भाग निकले। कमलेश अयोध्या मामले को हिंदू महासभा तरफ से देख रहे थे। वह लंबे समय से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे और यह वारदात तब हुई, जब उनके आवास के बाहरी हिस्से में एक पुलिसकर्मी मौजूद था। लखनऊ पुलिस ने बिजनौर के दो मौलानाओं के खिलाफ कमलेश तिवारी की पत्नी की शिकायत पर एफआइआर दर्ज की। इन दोनों ने 2016 में कमलेश तिवारी को मारने की धमकी दी थी।
हत्यारों ने चाकू से किए 13 वार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक हत्यारों ने कमलेश तिवारी के बायें जबड़े पर गोली मारने के बाद गला रेत दिया। गोली पीठ में जाकर फंस गई। इसके बाद धारदार हथियार से गला रेत दिया और श्वास नली कटने से मौत हुई। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में 13 घाव चाकू के वार से हैं। इसमें छाती के दाहिनी तरफ दो और बाई तरफ आठ वार थे। जबकि पीठ पर तीन वार थे।
पैगम्बर मुहम्मद पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
कमलेश तिवारी वर्ष 2015 में तब सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने पैगम्बर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद कमलेश पर रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
पत्नी से कहा था, कोई बधाई देने आ रहा है
किरन तिवारी ने बताया कि उनके पति कमलेश तिवारी के मोबाइल फोन किसी ने कॉल कर अयोध्या राम मंदिर मामले की सुनवाई पूरी होने पर बधाई देने के लिए घर आने की बात कही थी, जिसके बाद कमलेश ने उन्हें कमरा ठीक करने के लिए कहा था। कमलेश के मकान के निचले हिस्से में हिंदू समाज पार्टी का कार्यालय है।
48 घंटे में वारदात के राजफाश का दावा
डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि सीसी कैमरों की फुटेज से पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। हत्यारे कमलेश के परिचित लग रहे हैं। कॉल डिटेल से भी कई जानकारियां मिली हैं। 48 घंटे में घटना का राजफाश हो जाएगा।
सिर कलम करने पर था 1.62 करोड़ का इनाम
कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए बिजनौर के कीरतगढ़ निवासी मोहम्मद मुफ्ती नईम ने 1.11 करोड़ रुपये और इमाम मौलाना अनुवारुल हक ने 51 लाख रुपये का इनाम रखा था। दोनों ही मौलानाओं के खिलाफ कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने नाका थाना में मामला दर्ज कराया है।