बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। हाजी महबूब ने कहा कि यदि मुस्लिम पक्ष में फैसला आता है तो मस्जिद नहीं बनेगी। इस जमीन की बाउंड्री करके छोड़ देंगे। उनका कहना है कि हक में फैसला आता है तो सोचूंगा और विचार करूंगा कि वहां पर क्या करना चाहिए। देश के हक में अमन और चैन रहे यही मैं चाहता हूं। जमीन यदि हमें मिलती है तो उस पर बाउंड्री करके छोड़ देंगे। देश में अमन और चैन बना रहे हम लोग चाहते हैं कि कोई विवाद न हो। आपस में भाईचारा मोहब्बत बनी रहे।
पिछले दिनों रामजन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर हाजी महबूब की अध्यक्षता में मुस्लिमों की बैठक अयोध्या में आयोजित की गई थी। बैठक में सर्वसम्मत से तय किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को दूसरा पक्ष माने या न माने पर मुस्लिम इसे पूरी तरह से स्वीकार करेगा। उस वक्त बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने कहा था लखनऊ में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जो एलान किया, हम उसके साथ हैं। उन्होंने अयोध्या विवाद पर राय देने वाले मुस्लिम बुद्धिजीवियों पर तंज भी कसा था। उनका कहना था कि इतने लंबे विवाद में ऐसे बुद्धिजीवी अब कहां से आ गए, समझ से परे है और उनकी राय का कोई मतलब नहीं है।
हाजी महबूब के खिलाफ परमहंस ने दी है राष्ट्रदोह की तहरीर
बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब के खिलाफ रामजन्मभूमि थाना में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की तहरीर गत वर्ष मंदिर निर्माण के लिए 12 दिनों तक अनशन कर सुर्खियों में छाए तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास ने दे रखी है। तीन अक्टूबर को दी गई इस तहरीर में आधार एक स्टिंग ऑपरेशन की वीडियो क्लिपिंग को बनाया है। उसमें दावा है कि हाजी ने छह दिसंबर 1992 को कारसेवकों पर बम फेंकने की बात स्वीकारी है। वीडियो में की गई अन्य बातें भी आम भारतीयों एवं समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने वाली बताई गई हैं। इस मामले में हाजी महबूब का कहना था कि परमहंसदास प्रसिद्धि पाने के लिए ऐसी वीडियो क्लिप को आधार बना रहे हैं, जिसकी विश्वसनीयता संदिग्ध है। उन्होंने कहा था कि यदि हमने बम चलवाया होता तो छह दिसंबर 92 को न जाने कितने कारसेवकों की मौत होती लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।