कश्मीर में जुमे की नमाज पर आतंकियों और अलगाववादियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की आशंका के चलते राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को सभी संवेदनशील इलाकों में पाबंदियां लगा दीं। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और सभी प्रमुख बाजार बंद रहे। वाहनों की आवाजाही भी कम रही। हालांकि सरकारी कार्यालय और बैंक ही खुले रहे। इस बीच, ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में 11वें शुक्रवार को भी नमाज-ए-जुमा की अजान नहीं हुई।
अलगाववादी और जिहादी तत्वों ने शुक्रवार को विभिन्न इलाकों में राष्ट्र विरोधी प्रदर्शनों की योजना बनाई थी। खुफिया तंत्र ने अलगाववादियों की इस साजिश का अलर्ट सुरक्षा एजेंसियों के लिए पहले ही जारी कर दिया था। इसका संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने डाउन टाउन और श्रीनगर समेत वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में पाबंदियां लगा दीं। इसके साथ ही शरारती तत्वों से निपटने के लिए विभिन्न इलाकों और चौराहों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकडि़यों को भी तैनात कर दिया।
पाबंदियों और अलगाववादियों द्वारा हिंसा भड़काए जाने की आशंका के चलते बाजार बंद रहे। लालचौक में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। सिर्फ गली-मोहल्लों में कुछ ही दुकानें खुली नजर आई। सरकारी कार्यालयों में पाबंदियों का असर नजर आया। शिक्षण संस्थान भी बंद रहे। हालांकि सिविल लाइंस इलाकों में किसी भी तरह की पाबंदियां नहीं थीं। इसके बावजूद राजबाग, जवाहर नगर, छन्नपोरा, सराईबाला, गोगजीबाग, राममुंशी बाग, इंदिरा नगर में लोगों की आवाजाही बहुत कम रही।
जुलूस निकालने का प्रयास किया विफल
दोपहर को घाटी में सभी मस्जिदों और दरगाहों में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से हुई। सिर्फ छन्नपोरा, आंचर और सौरा में कुछ लोगों ने जुलूस निकालने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें खदेड़ कर सामान्य स्थिति को बहाल कर दिया। वहीं, सुरक्षाबलों ने भी किसी बाहरी व्यक्ति को नौहट्टा में दाखिल नहीं होने दिया। स्थानीय लोग भी हिंसा की आशंका के चलते जामिया मस्जिद में नहीं आए। इसलिए नमाज नहीं हुई।