हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की मां ने रविवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद उन्हें बड़ा बेटा बताया। हालांकि इसके बाद सीतापुर पहुंचते ही वह अपने इस बयान से मुकर गईं। उन्होंने कहा कि पुलिस के दबाव में उन्हें सीएम योगी से मिलना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं हैं।
रविवार को कमलेश तिवारी की मां कुसुमा देवी, पत्नी किरन तिवारी और पुत्र ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इसके बाद एक न्यूज एजेंसी को दिये गए बयान में कमलेश तिवारी की मां ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री से मिले। हम अपने बड़े बेटे से मिले। उन्हें बहुत दिन से बड़े बेटे के रूप में हम देख रहे हैं। बहुत अच्छा लगा। हमने उनसे मांग की है कि हमें न्याय मिलना चाहिये। जो दोषी हैं, उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने हमको भरोसा दिया है और भरोसा दिया तो बहुत कुछ दे दिया है। मैं इतना ही बोलना चाहती हूं। इससे अधिक कुछ नहीं कहूंगी। हम उनको बहुत मानते हैं।’ इसके पहले कमलेश की पत्नी ने कहा कि महाराजजी तो हम सबके पहले से ही पूज्य थे। हम इसलिए मिलने आए थे कि और कोई तो सुनेगा नहीं, महाराज जी हमारी बात सुनेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद सीतापुर के महमूदाबाद पहुंची कुसुमा देवीं अपने इस बयान से मुकर गईं और कहा कि पुलिस के दबाव में उन्हें सीएम से मिलना पड़ा। उन्होंने कहा-‘हिंदू धर्म में किसी की मौत के बाद 13 दिनों तक कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं जाता है, लेकिन यहां पर पुलिस हमारे पीछे पड़ी हुई थी। हमारी इच्छा के मुताबिक उनका (मुख्यमंत्री) हाव-भाव भी नहीं था।’ मीडिया के सवाल पर कहा कि अगर हम संतुष्ट होते तो इतना क्रोध क्यों उबलता। उन्होंने कहा कि अगर हमें इंसाफ न मिला तो हम खुद तलवार उठाएंगे। जैसे-तैसे मैं खुद बदला लूंगी।’
पुलिस की अभद्रता पर जांच के आदेश
सीएम से मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवार ने शुक्रवार रात में पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाया। परिवारजन ने कहा कि शव जबरन सीतापुर ले जाने के लिए पुलिस ने कमलेश की पत्नी किरन से धक्कामुक्की की। यही नहीं कमलेश के बेटे से भी हाथापाई की गई। पीडि़त परिवार की शिकायत को सीएम ने गंभीरता से लेते हुए डीजीपी से रिपोर्ट तलब की। हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जांच कराकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे कमलेश तिवारी
आतंकी संगठनों के निशाने पर रहे हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को लखनऊ में उनके खुर्शेदबाग स्थित आवास में दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। वह अयोध्या मामले को हिंदू महासभा तरफ से देख रहे थे। हत्यारों ने कमलेश तिवारी के बायें जबड़े पर गोली मारने के बाद गला रेत दिया। गोली पीठ में जाकर फंस गई। इसके बाद धारदार हथियार से गला रेत दिया और श्वास नली कटने से मौत हुई। उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में 13 घाव चाकू के वार से हैं। इसमें छाती के दाहिनी तरफ दो और बाई तरफ आठ वार थे, जबकि पीठ पर तीन वार थे। हत्यारे वारदात के बाद गणेशगंज की ओर पैदल ही भाग निकले। कमलेश लंबे समय से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे और यह वारदात तब हुई, जब उनके आवास के बाहरी हिस्से में एक पुलिसकर्मी मौजूद था।
पैगंबर मुहम्मद पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
कमलेश तिवारी वर्ष 2015 में तब सुर्खियों में आये थे, जब उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद कमलेश पर रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए बिजनौर के कीरतगढ़ निवासी मोहम्मद मुफ्ती नईम ने 1.11 करोड़ रुपये और इमाम मौलाना अनुवारुल हक ने 51 लाख रुपये का इनाम रखा था। दोनो ही मौलानाओं के खिलाफ कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने नाका थाना में मामला दर्ज कराया है।