राजधानी की हवा अब सांसों पर भारी पड़ रही है। यह हम नहीं आकंड़े कह रहे हैं, प्रदूषण के स्तर में लगातार बढ़ोतरी के चलते लखनऊ सोमवार को देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। लखनऊ ने सोमवार को दिल्ली के साथ औद्योगिक क्षेत्र नोएडा को भी पीछे छोड़ दिया। लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 294 रिकार्ड किया गया। वहीं गाजियाबाद दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआइ 284 दर्ज किया गया। दिल्ली में सोमवार को एक्यूआइ 249 रिकार्ड हुआ। माना जाता है कि दीपावली के आसपास पटाखों के चलते हवा ज्यादा जहरीली हो जाती हैं, लेकिन दीपावली के सप्ताह भर पहले एक्यूआइ का स्तर चिंताजनक है। साफ है कि हवाओं में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है।
कहां कितना रहा एक्यूआइ
- गाजियाबाद 284
- मुरादाबाद 272
- नोएडा 260
- मेरठ 255
- ग्रेटर नोएडा 243
- बागपत 234
- मुजफ्फरपुर 220
- बुलंदशहर 217
- केवल मौसम नहीं जिम्मेदार
मौसम बदल रहा है। बदलों के चलते हवा में नमी है। हवा कम होने के कारण धूल व प्रदूषण फैल नहीं पा रहा है। नतीजा यह है कि धुंध या स्मॉग बढ़ रहा है। वैज्ञानिक बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि प्रदूषण में एकदम से इजाफा हो गया है। प्रदूषण के सभी कारक पहले से ही मौजूद रहते हैं। मौसम में बदलाव के चलते प्रदूषण जो सामान्य दिनों में फैल जाता है, उसका कंसंट्रेशन बढ़ जाता है।
- धूल है मुख्य रूप से जिम्मेदार
बोर्ड द्वारा आइआइटी कानपुर से कराए गए अध्ययन के अनुसार राजधानी में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों से उडऩे वाली धूल 87 प्रतिशत है। वहीं वाहनों से होने वाला प्रदूषण 5.2 प्रतिशत और कूड़ा आदि जलाने से 2.1 प्रतिशत प्रदूषण होता है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए बीते वर्ष बोर्ड द्वारा बनाए गए एक्शन प्लान में 17 विभागों को इस बात की जिम्मेदारी सौंपी गई थे कि वह धूल पैदा करने वाले कारकों को नियंत्रित करें, जिससे वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। इसके बावजूद सारी कवायद इस बार फिर धरी रह गईं।
- अवकाश मनाते रहे जिम्मेदार
सोमवार को लखनऊ भले ही देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा, लेकिन जिम्मेदार विभाग अवकाश मनाते रहे। सड़कों पर वाहन धूल उड़ाते रहे। वहीं निर्माण कार्य, सड़क खोदाई आदि कार्य बदस्तूर जारी रहे। अवकाश होने के कारण न तो किसी तरह की जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई।
अस्थमा व सांस के रोगी रखें ध्यान
वातावरण में प्रदूषण बढने का सीधा असर लोगों की सेहत पर होता है। बलरामपुर अस्पताल के पूर्व निदेशक डॉ.टीपी सिंह कहते हैं कि जिनको पहले सी ही दिक्कत है सुबह-शाम टहलने से बचें। इस समय प्रदूषण अधिक होता है। संभव हो तो मास्क का प्रयोग करें। प्रदूषण बढऩे से सांस से जुड़ी दिक्कतें ही नहीं आंखों में जलन, एलर्जिक राइनाइटिस, नाक से पानी आने की शिकायत हो सकती है। दिक्कत अधिक बढऩे पर डॉक्टर से संपर्क करें।