हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा दोनों मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद कमलेश की मां कुसुम तिवारी ने कहा कि अब दोनों को फांसी दे देनी चाहिए। उन्होंने सरकार की कार्रवाई पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मेरे ऊपर बुहत बड़ा अहसान किया है।
हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी की खबर से परिवार को सुकून मिला है। मंगलवार रात सीतापुर के महमूदाबाद इंस्पेक्टर अरुण द्विवेदी यह खबर लेकर उनके घर पहुंचे। इसके बाद मां कुसुमा देवी ने मोबाइल पर ये खबर देखी। परिवार ने अब तक के सारे गिले-शिकवे भुलाकर कार्रवाई पर संतुष्टि जताई है। बस सब यह चाहते हैं कि हत्यारों की शिनाख्त कराकर उन्हें फांसी की सजा दी जाए।
गुजरात एटीएस ने दोनों को राजस्थान की सीमा पास से पकड़ा
कमलेश तिवारी के हत्यारे अशफाक और मोईनुद्दीन को गिरफ्तार करने में आखिरकार गुजरात एटीएस ने मंगलवार को सफलता हासिल की है। दोनों को गुजरात-राजस्थान की सीमा पर शमलाजी के पास से पकड़ा गया है। गुजरात एटीएस की शुरुआती पूछताछ में दोनों ने हत्या का जुर्म स्वीकार किया है। एक दिन पूर्व ही डीजीपी ओपी सिंह ने दोनों हत्यारों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
लखनऊ दिनदहाड़े कमलेश की हुई थी हत्या
लखनऊ के खुर्शेदबाग में 18 अक्टूबर को दिनदहाड़े कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद दोनों हत्यारे लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत व अन्य स्थानों पर छिपते रहे, लेकिन यूपी पुलिस चार दिनों तक पीछा करने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही। गुजरात एटीएस के डीआइजी हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने कमलेश के हत्यारोपित ग्रीन व्यू अपार्टमेंट सूरत निवासी अशफाक हुसैन जाकिर हुसैन शेख (34) और लो कास्ट कालोनी सूरत निवासी मोईनुद्दीइन खुर्शीद पठान (27) को पकड़ा है।
सर्विलांस के जरिये मिले अहम सुराग
अशफाक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है और मोईनुद्दीन डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है। बताया गया कि दोनों आरोपितों के पास रुपये खत्म हो गए थे। दोनों ने रुपयों के बंदोबस्त के लिए अपने परिवारीजन से संपर्क किया था। गुजरात पुलिस ने सर्विलांस के जरिये मिले अहम सुराग के आधार पर अपना जाल बिछाया और उन्हें दबोच लिया। दोनों हत्यारोपी एक दिन पूर्व नेपाल से शाहजहांपुर पहुंचे थे और गुजरात भागने की फिराक में थे। यूपी पुलिस की एक टीम गुजरात रवाना की जा रही है। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा।
हत्यारों पर दबाव के चलते मिली सफलता ः डीजीपी
डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि घटना के बाद से पुलिस लगातार दोनों हत्यारों पर दबाव बनाए थी, जिसके परिणाम में वे गुजरात में पकड़े गए। उल्लेखनीय है कि गुजरात एटीएस ने ही 19 अक्टूबर को कमलेश हत्याकांड के साजिशकर्ता राशिद पठान, मौलाना मोहसिन शेख व फैजान को पकड़ा था। बाद में उन्हें यूपी पुलिस के हवाले कर दिया था। दोनों हत्यारों से पूछताछ में अब कई अहम राज सामने आएंगे।