बीसीसीआइ के 33 महीने के संचालन के दौरान भारतीय क्रिकेट का अच्छा और बुरा दौर देखने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय खुश हैं कि सौरव गांगुली के दर्जे का कोई व्यक्ति भारतीय क्रिकेट की बागडोर संभाल रहा है। जब राय से पूछा गया कि आप गांगुली के बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने को किस तरह देखते हैं तो उन्होंने कहा, ‘मैं सौरव का बेहद सम्मान करता हूं।
हमारा कार्यकाल संतोषजनक रहा- राय
विनोद राय ने कहा है, “मैंने उन्हें बंगाल क्रिकेट संघ का प्रभावी तरीके से संचालन करते हुए देखा है और उनकी क्षमता व उपलब्धियों वाला क्रिकेटर बीसीसीआइ का संचालन करेगा, उसके प्रति मेरा सम्मान और बढ़ गया। मुझे नहीं लगता कि बीसीसीआइ की बागडोर संभालने के लिए उससे बेहतर व्यक्ति हो सकता है। हमारा 33 महीनों का कार्यकाल काफी संतोषजनक रहा क्योंकि अब चार पूर्व खिलाड़ी बड़े स्तर पर प्रशासन का हिस्सा हैं। हम खिलाड़ी संघ बनाने में सफल रहे जिसे शुरुआत में स्वीकार नहीं किया जा रहा था। हम पूरी तरह से पारदर्शी रहे। सीओए की 100 से अधिक बैठकों (स्थिति रिपोर्ट) की जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है।”
सुधारवादी कदमों का हुआ विरोध
उन्होंने आगे कहा, “जहां तक आलोचना और मेरी छवि को नुकसान पहुंचने का सवाल है तो मैं इन चीजों की परवाह नहीं करता। मेरा मानना है कि जो भी सुधारवादी कदमों का विरोध कर रहे है उसके निहित स्वार्थ हैं। क्रिकेटरों का खेलने का दौर काफी कम होता है। उन्होंने खेल में अनुभव हासिल किया है। कमेंटेटर, मेंटर या आइपीएल टीमों के कोचों के रूप में उनके प्रवेश पर रोक क्यों लगे। अगर मुख्य कोच और कप्तान को क्रिकेट मामलों में पूरी आजादी दी जाती है, तो इसमें क्या गलत है? मैंने बिलकुल स्पष्ट कर दिया था कि हम चयन प्रक्रिया और क्रिकेट मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।”
असहमति थी, लेकिन मतभेद नहीं
वहीं, जब विनोद राय से डायना इडुल्जी के साथ उनके मतभेद को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच कई मुद्दों पर असहमति थी, जैसे जौहरी का यौन उत्पीड़न मामला, महिला राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच और मिताली राज और रमेश के बीच मतभेद। मेरा मानना है कि पेशेवर असहमति हमेशा हो सकती है और अपना नजरिया होने में कुछ गलत नहीं है। मैं उनके नजरिये का सम्मान करता हूं।”