गोरखपुर में वनटांगियों के बीच पहुंचे सीएम योगी ने कहा, 100 साल बाद खत्म हुआ वनटांगियों का वनवास Gorakhpur News

गोरखपुर के वनटांगियां गांव तिनकोनिया नंबर-3 में रविवार को वनटांगियों के साथ दिवाली मनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते 100 साल तक संघर्षों की दास्ता लिख रहे वनटांगियों को असल आजादी अब मिली है। सही मायने में वह दिवाली अब मना रहे हैं। 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने पर त्रेता युग में दिवाली मनी थी लेकिन वनटांगियों को दिवाली मनाने का अवसर 100 वर्ष के वनवास के बाद मिला है।

आजाद होने के बाद भी गुलामी की जंजीरों में भी जकड़े रहे

योगी ने कहा कि लंबे समय तक पिछली सरकारों की अनदेखी के चलते वन विभाग और पुलिस विभाग वनटांगियों का शोषण करता रहा और वह आजाद होने के बाद भी गुलामी की जंजीरों में भी जकड़े रहे। बदहाल वनटांगिए दुर्दशा से निजात पाने के लिए निरंतर शासन-प्रशासन की गुहार लगाते रहे। पर उनकी एक न सुनी गई और संघर्षों की दास्तां लंबी होती गई। 2017 में भाजपा सरकार ने 38 वनटांगिया गावों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर जब उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा तो उनकी तकदीर बदल गई।

ढाई साल पहले तक वनटागियों के पास न तो पक्का मकान था और न ही शौचालय। पानी-बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी वह तरसते थे लेकिन अब उनके पास सबकुछ है। सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है। स्थिति यह है कि बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित वनटांगिया गांव आज सामान्य गांवों के लिए नजीर बन गए हैं।

पीएम मोदी का जताया आभार

मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार ज्ञापित करने की लोगों से अपील की, जिन्होंने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का कार्य किया। योजनाओं का लाभ देने के लिए न तो किसी की जाति देखी गई न मजहब। योगी ने कहा कि यह कार्य 60 वर्ष पहले ही हो सकता था लेकिन पिछली सरकारों के एजेंडे में महिलाएं और बच्चे थे ही नहीं। यहां तक जो सरकारें अनुसूचित जाति और जनजाति का नारा लेकर चलती थीं, वह भी वनटांगियों के लिए आगे नहीं आईं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने हाल ही शुरू की गई मुख्यमंत्री सुमंगला योजना की चर्चा भी की और उसके तहत कन्याओं को मिलने वाले लाभ की जानकारी भी दी।

पिछली सरकारों के लिए संकट और शोक थे पर्व

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछली सरकारें पर्व को अपने लिए एक संकट मानती थी। उनके लिए पर्व हर्षोल्लास का विषय न होकर शोक का विषय हुआ करते थे। लेकिन जबसे भाजपा की सरकार आई है पर्व का उत्साह चहुंओर नजर आता है। अब पर्व महज घरों तक सीमित नहीं रहते बल्कि सामूहिक हो गए हैं और यही पर्व का मकसद भी है। योगी ने कहा कि अगर मंशा अच्छी होगी तो परिणाम भी अच्छा मिलता है। वनटांगिया गांवों को देखकर इसे साफतौर पर महसूस किया जा सकता है।

पूजन कर सीएम योगी बांटेंगे दिवाली का प्रसाद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गोरखनाथ मंदिर में दिवाली का पर्व रविवार शाम श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के वातावरण में मनाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ पहले मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा-अर्चना करेंगे। उसके बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करेंगे। पूजन प्रक्रिया प्रधान पुजारी रामानुज त्रिपाठी के नेतृत्व में विधि-विधान से संपन्न होगी। मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि दिवाली पर मंदिर में 5001 दीप जलाए जाएंगे। लक्ष्मी मंदिर में पूजन के बाद सबसे पहले श्रीनाथ मंदिर में दीपक रखा जाएगा और फिर सभी देव स्थलों, भीम सरोवर, भंडार गृह, गोशाला में दीपदान किया जाएगा।

भक्तों को मिलेगा गोरक्षपीठाधीश्वर का उपहार

दिवाली पर परंपरागत रूप से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की ओर से मंदिर से जुड़े हर कर्मचारी को उपहार दिया जाएगा। सभी को गुरु गोरखनाथ का कैलेंडर, वस्त्र, प्रसाद स्वरूप मिठाई, डायरी दी जाएगी।

 

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