रोशनी के त्योहार दिवाली के ख़त्म होने के साथ ही लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां शुरू हो गई हैं। गली-मोहल्लों में छठ के पारंपरिक मधुर गीत गूंजने लगे हैं। कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से सप्तमी तक चार दिन तक घर से घाट तक आस्था और उल्लास छाया रहेगा। इस बार छठ महापर्व 31 अक्तूबर यानी गुरुवार को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा। पहली नवंबर को खरना और दो नवंबर को सूर्य षष्ठी का मुख्य पर्व होगा। इस दिन व्रतीजन डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे। पर्व का समापन तीन नवंबर यानी रविवार को उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। नहाय-खाय महापर्व की शुरुआत 31 अक्टूबर यानी गुरुवार को होगी।
इस दिन व्रत रखने वाले लोग घर की साफ-सफाई करके स्नान करते हैं। खाने में अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू खाते हैं। परंपरा के अनुसार व्रत रखने वाले लोग छठ शुरू के बाद बिस्तर पर नहीं सोते हैं। साथ ही घरों में खरना से प्रसाद बनाने के लिए गेंहू-चावल को शुद्धता से पिसवाने का काम भी शुरू हो जाता है।
नहाय-खाय महापर्व का दूसरा चरण होता है खरना। यह पहली नवंबर यानी शुक्रवार को है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग शाम को भोजन करते हैं। डूबते सूर्य को अर्घ्य खरना के बाद तीसरा मुख्य चरण शनिवार यानी दो नवंबर को सूर्य पष्ठी है। प्रसाद में मुख्य रूप से ठेकुआ, गन्ना, बड़ा नीवू, चावल के लड्डू, फल आदि शामिल होते हैं। उगते सूर्य को अर्घ्य महापर्व का अंतिम चरण तीन नवंबर यानी रविवार को है।
छठ महापर्व की तिथि
31 अक्तूबर, गुरुवार: नहाय-खाय
1 नवंबर, शुक्रवार : खरना
2 नवंबर, शनिवार: डूबते सूर्य को अर्घ्य
3 नवंबर, रविवार : उगते सूर्य को अर्घ्य और पारण
इस छठ पूजा में जो तू चाहे वो तेरा हो
हर दिन खूबसूरत और रातें रोशन हों
कामयाबी चूमते रहे तेरे कदम हमेशा
छठ पूजा की बहुत बधाई हो
Happy Chhath Puja!
छठ पूजा का पावन पर्व है, सूर्य देव की पीजा का पर्व
करो मिल के सूर्य देव को प्रणाम, और बोलो सुख शांति दे अपार
हैपी छठ पूजा!
सुबह उगा है सूरज, अर्घ्य सांझ को देना है
पूरे दिन हमें छठ मैया का नाम लेना है,
अगली सुबह जीवन में नई खुशहाली लाएगी,
छठ मैया आपके सब मनोरथ पूरे कर जाएगी।।
सुनहरे रथ पर होके सवार,
सुर्य देव आएं हैं आपके द्वार,
छठ पर्व की शुभकामनाएं
मेरी ओर से करें स्वीकार
हैपी छठ पूजा!
एक पूरे साल के बाद
छठ पूजा का दिन आया है
सूर्य देव को नमन कर
हमने इसे धूमधाम से मनाया है।
Happy Chhath Puja
कदुआ भात से होती है पूजा की शुरुआत,
खरना के दिन खाते हैं खीर में गुड़ और भात।
सांझ का अर्घ्य करता है, जीवन में शुभ शुरुआत
सुबह के अर्घ्य के साथ, पूरी हो आपकी हर मुराद।