सितंबर तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 32 फीसद घटकर 123.9 टन रही। एक रिपोर्ट के अनुसार, सोने की उच्च कीमतें और आर्थिक सुस्ती की वजह से सोने की मांग में यह गिरावट दर्ज की गई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) ने मंगलवार को कहा है कि विश्व में चीन के बाद सोने की सबसे अधिक खपत करने वाले देश भारत ने 2019 के तीसरी तिमाही के दौरान 80.5 टन सोने का आयात किया। सालाना आधार पर इसमें 66 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।
WGC ने मंगलवार को कहा कि सोने के आयात में भारी कमी आई क्योंकि ज्वेलर्स पुराने आयातित स्टॉक और रिसाइक्लिंग के जरिये अपनी मांग पूरी कर ली।
घरेलू बाजार में सितंबर में सोने की कीमतें 39,011 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई थी। अभी फिलहाल यह 38,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चल रही है।
साल 2019 के पहले नौ महीने के दौरान देश में सोने की कुल मांग घट कर 496.11 टन रही जो 2018 के जनवरी-सितंबर की अवधि में 523.9 टन रही थी। WGC की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में पूरे साल के दौरान सोने की मांग 760.4 टन रही थी।
इसी प्रकार, 2019 के शुरुआती नौ महीने के दौरान सोने का आयात घटकर 502.9 टन रहा जो एक साल पहले की समान अवधि में 587.3 टन था। साल 2018 के दौरान सोने का कुल आयात 755.7 टन रहा था।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदरम पीआर ने पीटीआइ से कहा कि भारत में सोने की मांग में दो कारणों से कमी आई है। एक तो दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान सोने की कीमतों में 20 फीसद तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। और दूसरा, भारत और चीन सहित विभिन्न देशों के आर्थिक सुस्ती के कारण उपभोक्ताओं की धारणाएं प्रभावित हुईं।
सोमसुंदरम ने कहा कि सोने के आयात में भी कमी आई क्योंकि कीमतें अधिक थीं और ग्रामीण मांग घट गई थी। उन्होंने कहा कि जब मांग कम होती है तो लोग सोने की रिसाइक्लिंग को तरजीह देते हैं। इस साल के शुरुआती नौ महीने के दौरान भारत में रिसाइकल्ड गोल्ड बढ़कर 90.5 रहा जो 2018 में पूरे साल के दौरान 87 टन था।