शहर के आदर्श नगर इलाक़े में पुलिस की छापेमारी के दौरान पकड़े गये सभी तीस हाईप्रोफ़ाइल जुआरियो को आज ज़िला जज विनोद कुमार तृतीय ने ज़मानत दे दी किन्तु देर शाम तक फ़ैसले की प्रति न मिल पाने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ज़मानत के लिये अभियुक्तों को कितनी क़ीमत के बेल बाण्ड भरने होंगे!
ग़ौरतलब है कि तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक पूजा यादव की अगुवाई में पुलिस ने छापा मारकर एक घर में जुआ खेल रहे तीस लोगों को गिरफ़्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने जुआरियों के पास से 75113 रुपये और फड़ से 1654000 रुपये कुल 1729113 रुपये की बरामदगी दिखाई थी।
जुआघर प्रकरण हाईप्रोफ़ाइल होने के कारण जनचर्चा का विषय था और पिछले सप्ताह सीजेएम कोर्ट में सभी की ज़मानत अर्ज़ियाँ ख़ारिज हो जाने के कारण धारा 03 व 04 से सम्बंधित इस मामले में आज दोपहर ज़िला जज न्यायालय में इनकी ज़मानत पर वरिष्ठ अधिवक्ता बलिराज उमराव, हंसराज सिंह, राकेश वर्मा, बार अध्यक्ष सुशील मिश्रा, दिनेश पटेल, बुद्ध प्रकाश सिंह व राम विशाल वर्मा ने अपने अपने मुआक्किलो के पक्ष में तर्क रखे। सभी को सुनने के बाद ज़िला जज ने फ़ैसला सुरक्षित कर लिया और देर शाम ज़मानत दे दी ! ज़मानत दिये जाने की पुष्टि ज़िला शासकीय अधिवक्ता (फ़ौजदारी) बृजेश शुक्ल ने की।
उधर इस चर्चित मामले के आरोपियों को ज़मानत के किये कितने क़ीमत के बेलबाण्ड भरना पड़ेगा इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। अगर अदालत के फ़ैसले में बीस हज़ार तक के बेल बाण्ड भरने का आदेश होता है तब तो सम्बंधित काग़जातो के सत्यापन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और अदालत से कल ही परवाना जारी हो जायेगा किन्तु अगर अदालत बीस हज़ार से अधिक के बेल बाण्ड भरने का आदेश देती है तो फिर ज़मानत के लिये लगाये जाने वाले चल या अचल सम्पत्ति से सम्बंधित काग़ज़ातों का राजस्व व परिवहन विभाग से सत्यापन आवश्यक होगा जिसे कम से कम एक दिन में कराना आसान नहीं होगा।
बताते चले कि ज़मानत से सम्बंधित सारी औपचारिकताये छः व सात नवम्बर को तीन बजे तक पूर्ण हो पाई तो ठीक है किन्तु अगर ऐसा नहीं हो पाया तो परवाना तीन दिन के लिये लटक जायेगा, क्योंकि आठ नवम्बर को अधिवक्ताओ की पूर्व घोषित हड़ताल है और नौ व दस नवम्बर को द्वितीय शनिवार व रविवार के चलते कोर्ट बंद रहेंगे। ऐसे में इन जुआरियो की ज़मानत होने के कई दिन बाद तक जेल से रिहाई नहीं पायेगी!
ज्ञातव्य रहे कि कोतवाली पुलिस ने इस मामले में तीस जुआरियो के ख़िलाफ़ धारा 03 व 04 के अन्तर्गत मुक़दमा क़ायम किया था, ये धाराये उन परिस्थितियों में ज़्यादा ख़तरनाक साबित होती हैं जब फड़ से इतनी भारी मात्रा में बरामदगी होती है। इस मामले में पुलिस की अतिरिक्त टिप्पणी जुआरियो की समस्याएँ बढ़ाने वाली साबित हुई। यह धाराये सार्वजनिक द्यूत अधिनियम 1867 का अंग है। धारा 03 में जुआ घर का स्वामी होने या उसे चलाने या उसका भार साधक होने के लिये शास्ति व धारा 04 में जुआघर में पाये जाने के लिये शास्ति।
आज डीजे कोर्ट से जिन तीस लोगों को ज़मानत मिली उनमे जीतेन्द्र लोधी पुत्र ओमप्रकाश, धीरज सिंह उर्फ़ सीमू सिंह पुत्र रामचंद्र, धर्मेंद्र सिंह उर्फ धर्मू पुत्र सुरेंद्र सिंह गौतम, बाल किशुन पुत्र सत्यनारायण पांडेय, सुरेंद्र कुमार पुत्र बाबूलाल निवासी रेल बाज़ार, मो० अनीस पुत्र नसीम निवासी कोतवाली बिंदकी, सुरेश कुमार पुत्र भीष्म प्रसाद राधानगर, सोनू पुत्र लक्ष्मी शंकर निवासी तेंदुली कोतवाली बिंदकी, मुनेश पुत्र बृजलाल निवासी चुरियानी थाना गाजीपुर, राहुल कुमार पुत्र राम लखन कोतवाली खागा, अन्नू द्विवेदी पुत्र अरुण कुमार निवासी कानपुर देहात, जयशंकर पाठक पुत्र हरिमोहन, कल्लू पुत्र मन्नू निवासी कोतवाली बिंदकी, वीरेंद्र गुप्ता पुत्र गेंदालाल निवासी कोतवाली खागा, देवेंद्र सिंह पुत्र राज बहादुर आवास विकास, जय गोपाल पुत्र रामाकिशन निवासी कानपुर, यशपाल सिंह पुत्र धनपत सिंह मथैयापुर हुसैनगंज, अकील खां पुत्र हबीब उल्ला खां निवासी कानपुर देहात, जितेन्द्र सिंह पुत्र बिंदेश्वरी सिंह निवासी किशनपुर, अमर तिवारी पुत्र स्वप्निल तिवारी निवासी पैग़म्बरपुर बिंदकी, रवींद्र सिंह पुत्र जंगबहादुर सिंह निवासी तेंदुली बिंदकी, सर्वेश कुमार पुत्र श्यामनरायन निवासी कानपुर देहात, अनिल कुमार पुत्र रामबाबू निवासी अशोक नगर, मंगल सिंह पुत्र मुन्ना सिंह निवासी चौड़ाखेर खागा, राजा सोनी पुत्र महेश कुमार गाजीपुर, मो आरिफ़ पुत्र अजहर निवासी पनी, रामू पुत्र बाबूलाल निवासी रेलबाजार, अशोक पुत्र कुँवर पाल यादव निवासी कानपुर देहात शामिल हैं।
ऑनलाइन ब्लॉक रिपोर्टर
अमन वर्मा
जनपद फतेहपुर