लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के दौरान बाउंसर पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ बुरी तरह से घायल हो गए थे। चोट इतनी गंभीर थी कि उनको मैदान छोड़ना पड़ गया था। इस घटना में स्मिथ की गर्दन पर चोट आई जिसके बाद अब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स के लिए गर्दन की सुरक्षा वाला हैलमेट पहनना अनिवार्य किया जा सकता है।
एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की स्मिथ को जा लगी थी। आर्चर की 148.7 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आती गेंद सीधा स्मिथ की गर्दन पर लगी थी जिसके बाद वह जमीन पर गिर पड़े और फिर बाद में उनको मैदान से उपचार के लिए बाहर ले जाना पड़ा।
दूसरी पारी में स्मिथ बल्लेबाजी के लिए नहीं आए और उनका जगह मार्नस लबुशेन को आईसीसी द्वारा विशेष अनुमति के बाद बतौर सुपर सब खिलाड़ी खेलने का मौका मिला। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी चोटिल खिलाड़ी की जगह की किसी सब्सीट्यूट खिलाड़ी को बल्लेबाजी करने का मौका दिया गया।
फिल ह्यूज के बाद सतर्क हुआ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया
साल 2014 में एक घरेलू सीरीज शैफील्ड शील्ड के मुकाबले के दौरान ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज फिल ह्यूज की मौत बाउंसर पर चोटिल होने के बाद हो गई थी। ह्यूज की मौत के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट में बल्लेबाजों के लिए गर्दन की सुरक्षा वाला हैलमेट पहनकर खेलना अनिवार्य कर दिया गया था। इस हैलमेट को ‘स्टेम गार्ड’ के नाम से जाना जाता है।
बिना स्टेम गार्ड हैलमेट खेल रहे थे स्मिथ
इंग्लैंड खिलाफ स्मिथ जिस हैटमेट का प्रयोग कर रहे थे उसमें स्टेम गार्ड नहीं लगा था। ऐसे में अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया हर एक खिलाड़ी करे लिए इसके इस्तेमाल को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। उम्मीद है चोट के बाद अब स्मिथ भी पूरी तरह से सुरक्षा के मापदंडों का ध्यान रखेंगे।