किसानों को राहत देने के लिए अलर्ट मोड में सरकार

हाल में आई बेमौसम बारिश और ओला गिरने की वजह से किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। ऐसे में देश के अन्नदाताओं को जल्द राहत पहुंचाने के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ( Narendra Singh Tomar ) ने बीमाकृत किसानों के दावों के तुरंत भुगतान के लिए राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के तहत ‘डिजिक्लेम’ (DigiClaim) प्लेटफॉर्म शुरू किया है। इसकी मदद से 1,260.35 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

तोमर ने कहा, “यह हमारे मंत्रालय के लिए गर्व की बात है कि इस तरह का एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है, जिसमें किसान समय पर और स्वचालित डिजिटल तरीके से दावा राशि प्राप्त कर सकेंगे। इससे हमारे किसान आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकेंगे।”

बस एक क्लिक में मिलेगा लाभ

एक आधिकारिक बयान में मंत्री ने कहा कि डिजिक्लेम प्लेटफॉर्म के माध्यम से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा के बीमाकृत किसानों को एक बटन क्लिक कर कुल 1,260.35 करोड़ रुपये का बीमा दावा का भुगतान किया गया। बता दें कि वर्तमान प्रणाली में, बीमाकृत किसानों के दावों के भुगतान में देरी होने के कई उदाहरण सामने आए हैं। इस कारण दावा वितरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कृषि मंत्रालय डिजीक्लेम मॉड्यूल को पेश किया है।

इस तरह मिलेगी भुगतान राशि

DigiClaim प्लेटफॉर्म में किसानों के दावों के भुगतान के लिए इस तकनीक को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के एकीकरण के माध्यम से सक्षम किया गया है। किसानों के दावों के भुगतान को सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में डाला जाएगा। इस तकनीक के तहत किसान चाहें तो वास्तविक समय में अपने मोबाइल फोन पर दावा निपटान प्रक्रिया को ट्रैक कर सकते हैं और योजना का लाभ उठा सकते हैं।

राज्यों से चल रही है बात

कृषि सचिव मनोज आहूजा ने राज्य सरकारों से फसल बीमा पोर्टल पर उपज डेटा को समय पर अपलोड करने और राज्यों के हिस्से का प्रीमियम समय पर जारी करने की भी अपील की। पीएमएफबीवाई में फिर से शामिल होने के लिए तेलंगाना, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड से भी संपर्क किया गया है। इसमें से तेलंगाना और झारखंड ने पीएमएफबीवाई के तहत वापस आने की इच्छा का संकेत दिया है।

इस राज्य को मिला सबसे पहले फायदा

किसानों की शिकायतों के समय पर निवारण के लिए, छत्तीसगढ़ राज्य के लिए पहले चरण में किसान शिकायत पोर्टल शुरू किया गया है, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और दूसरे चरण में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

 

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